करोड़ों की मिलावटी आयुर्वेद वाताहरी वटी, आरोपियों की ना गिरफ्तारी ना अब तक एफआईआर

रायपुर। पांच माह पहले राजधानी में पकड़े गए आयुर्वेद( Ayurveda )की मिलावटी वाताहरी वटी मामला अब तक ठंडे बस्ते में है। आयुर्वेद ( Ayurveda ) के नाम एलोपैथी दवा ( allopathic medicine )की मिलावट वाले गोरख धंधे में आरोपियों की न गिरफ्तारी हुई और ना ही अब तक पुलिस में कोई एफआईआर दर्ज कराई गई। मामला सेंट्रल लैब की रिपोर्ट के चक्कर में अब तक सुनवाई के लिए अब तक अदालत तक नहीं पहुंच पाया है। फरवरी में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने राजधानी के विभिन्न इलाके में छापा मारकर बड़ी संख्या में वाताहरी वटी नामक काली गोलियां बरामद
सेंट्रल लैब की रिपोर्ट पर अटका मामला
गुटखा मामले में जवाब का इंतजार मंदिर हसौद इलाके में पकड़े गए गुटखे में रासायनिक पदार्थ मिलाने की पुष्टि स्थानीय लैब में हो चुकी है। विभागीय प्रक्रिया तहत इस मामले में आरोपी पक्ष का जवाब मांगने की प्रक्रिया पूरी का जा रही है। इसके तहत उनकी चुनौती पर गुटखे के सैंपल की जांच के लिए भेजे जाएंगे। मंदिर हसौद में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने करीब डेढ़ करोड़ का गुटखा पकड़ा था।की थीं। जांच में आयुर्वेद ( Ayurveda )के नाम पर एलोपैथी ( allopathic ) की ओवरडोज दर्द निवारक दवा दिए जाने का खुलासा हुआ था। इस मामले में चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी, मगर विभागीय जांच दवा के मुख्य सप्लायर तक नहीं पहुंच सकी थी।
अब तक अदालत भी नहीं पहुंचा मामला
मामला सीधे-सीधे स्वास्थ से खिलवाड़ का था, मगर इस मामले में ना तो किसी तरह की एफआईआर करवाई गई और ना ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की मदद ली गई। उल्टे आरोपी पक्ष द्वारा दी गई चुनौती पर नकली वटी की सैंपल जांच के लिए सेंट्रल लैब भेजे गए, जिसकी रिपोर्ट पांच माह बाद भी जांच टीम को नहीं मिल पाई है। सहायक औषधि एवं खाद्य नियंत्रक बसंत कौशिक ने बताया कि वहां रिपोर्ट की मांग के लिए लगातार पत्र प्रेषित किया गया है।
एलोपैथी के विपरीत दवा की मिलावट
जांच के दौरान यहां पाया गया था कि वाताहरी वटी में एलोपैथी की डायक्लोफिनेक तथा एसिक्लोफिनेक नामक दवा के मिलावट की अप गई थी। सूत्रों के मुताबिक दोनों दवा विपरीत तरीके की है और उनका उपयोग एक साथ नहीं किया जाता। इसी तरह दोनों दवा की खुराक दोगुनी थी, जिसका उपयोग स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकता था। दवा इतनी ठोस तरीके से बनाई गई थी कि उसका उपयोग फोड़कर ही किया जा सकता था।
गुटखा मामले में जवाब का इंतजार
मंदिर हसौद इलाके में पकड़े गए गुटखे में रासायनिक पदार्थ मिलाने की पुष्टि स्थानीय लैब में हो चुकी है। विभागीय प्रक्रिया के तहत इस मामले में आरोपी पक्ष का जवाब मांगने की प्रक्रिया पूरी का जा रही है। इसके तहत उनकी चुनौती पर गुटखे के सैंपल की जांच के लिए भेजे जाएंगे। मंदिर हसौद में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने करीब डेढ़ करोड़ का गुटखा पकड़ा था।
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