शिक्षा कर्मियों का करोड़ों का एरियर्स अटका, कोर्ट जाने वालों को होगा भुगतान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व शिक्षा कर्मी अब शिक्षक संवर्ग (नगरीय निकाय) के संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने कहा है कि जिनका हाईकोर्ट से भुगतान का आदेश हुआ है, उन प्रकरणों को प्राथमिकता देते हुए भुगतान की जानकारी दी जाए। यह जानकारी नगरीय प्रशासन ने अपने सभी संयुक्त संचालकों से मंगाई है। खास बात ये है कि नगरीय निकायों में काम करने वाले इन शिक्षक संवर्ग का करीब 7 करोड़ का भुगतान नहीं हुआ है। इसी तरह पंचायत क्षेत्रों में काम करने वालों का करीब 217 करोड़ रुपए का भुगतान रुका है।
नगरीय प्रशासन ने मांगा ब्योरा
नगरीय निकायों के अधीन काम करने वालेे शिक्षक संवर्ग के संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संयुक्त संचालक ने सभी संयुक्त संचालक क्षेत्रीय कार्यालय को एक पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि संयुक्त संचालकों के अधीनस्थ नगरीय निकायों के शिक्षक संवर्ग जिनका उच्च न्यायालय में एरियर्स भुगतान से संबंधित प्रकरण में आदेश पारित हुआ है, उन प्रकरणों को प्राथमिकता देते हुए साथ ही अन्य समस्त प्रकरणों के एरियर्स भुगतान की जानकारी दी जाए। इसके लिए एक प्रोफार्मा भी जारी किया गया है।
किस स्तर पर लंबित है भुगतान
इसी पत्र में ये भी कहा गया है कि यह जानकारी भी दी जाए कि किसी अन्य शिक्षा कर्मी का एरियर्स भुगतान निकाय स्तर पर लंबित नहीं है, यह भी सुनिश्चित कर लेंवे अन्यथा बाद में एरियर्स भुगतान के लिए प्राप्त प्रकरणों पर विचार नहीं किया जाएगा। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास ने शिक्षक संवर्ग नगरीय निकाय के लंबित एरियर्स की जानकारी जुटाने के लिए यह ब्योरा मांगा है। नगरीय निकाय का नाम, न्यायलीयन प्रकरण के संबंध में जानकारी, एरियर्स के प्रकार आदि की जानकारी।
ये है मामला
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा के मुताबिक नगरीय निकायों के अधीन काम कर रहे शिक्षक संवर्ग का भुगतान केवल 7 करोड़ के आसपास का है, लेकिन पंचायतों के अधीन जिन लोगों ने शिक्षा कर्मी के रूप में काम किया है, उनका बकाया एरियर्स करीब 217 करोड़ रुपए का है। इस पूरे मामले में ये हो रहा है कि जो शिक्षक एरियर्स के लिए हाईकोर्ट जा रहे हैं, उनके अलग-अलग प्रकरणों में हाईकोर्ट का आदेश होने के बाद कुछ मामलों में भुगतान किया गया है, लेकिन यह पूरा मामला सभी प्रकरणों को लेकर हाईकोर्ट में नहीं गया है।
बकाया वेतन, मेडिकल की राशि है बकाया
शिक्षकों के अनुसार पंचायतों एवं नगरीय निकायों के शिक्षा कर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन होने के पहले के वेतन और मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। शिक्षा विभाग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि संविलयन से पूर्व के किसी प्रकार का बकाया का भुगतान शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया जाएगा। अब पूरा मामला पंचायत विभाग और नगरीय निकाय में अटका हुआ है।
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