दरिंदगी की सारी हदें पार : आश्रम के सेवादारों ने नाबालिग लड़की के मुंह में डाल दी जलती हुई लकड़ी, डंडे से पिटाई भी

महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में 17 वर्षीय एक नाबालिग लड़की के मुंह में जलती हुई लकड़ी डालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। साथ ही नाबालिग की डंडे से बेरहमी से पिटाई भी की गई है। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई है। बताया जा रहा है कि 24 फरवरी को जय गुरुदेव मानस आश्रम पतेरापाली में भोग लगाने के विवाद पर 3 सेवादारों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला बागबहरा थाना क्षेत्र का है।
मिली जानकारी के अनुसार, 28 फरवरी को मनीष सिन्हा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी छोटी बहन जागृति सिन्हा को सेवादार नरेश पटेल, भोजराम साहू और राकेश दीवान ने जमकर प्रताड़ित किया। बहन के साथ गाली-गलौज की गई और जान से मारने की नीयत से उसकी लाठी से बेरहमी से पिटाई की गई। इस पर भी आरोपियों का मन नहीं भरा, तो उसके मुंह में जलती हुई लकड़ी डाल दी। इससे उसका मुंह, गला और जीभ गंभीर रूप से जल गया है। सेवादारों ने लड़की के शरीर के अन्य हिस्सों को भी जला दिया है। आरोपियों ने उसकी जांघ, पैर और पीठ को भी जला दिया है। पीड़िता को गंभीर हालत में बागबहरा के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
महिला सेवादार के रूप में काम करती थी नाबालिग
पुलिस ने बताया कि जागृति आश्रम में महिला सेवादार के रूप में काम करती थी। 28 फरवरी को मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपियों को 1 मार्च को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों पर हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने तीनों सेवादारों नरेश पटेल, भोजराम साहू और राकेश दीवान को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
लड़की की हालत गंभीर
घटना की सूचना के बाद पुलिस टीम लड़की का बयान लेने के लिए अस्पताल पहुंची। डॉक्टरों ने पीड़िता जागृति सिन्हा की हालत गंभीर बताई है, हालांकि उन्होंने कहा कि समय पर इलाज मिलने के कारण लड़की की जान बच गई, अगर थोड़ी भी देर हो जाती, तो उसकी मौत हो सकती थी। उन्होंने कहा कि अभी भी लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है और खतरा अभी टला नहीं है।
भोग लगाने को लेकर हुआ विवाद
वारदात की सूचना मिलने पर बागबहरा थाने में तीनों आरोपियों नरेश, भोजराम और राकेश के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 294, 506, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर तलाश शुरू की गई। तीनों आरोपी आश्रम में ही छिपे हुए थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ में उन्होंने बताया कि जागृति से भोग लगाने के संबंध में उनका विवाद हुआ था। इसके बाद गुस्से में आकर उन्होंने ऐसा किया। तीनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
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