सीआरपीएफ की महिला कमांडो लेगी नक्सलियों से लोहा

रायपुर. लाल आतंक का खात्मा करने केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीआरपीएफ) की स्पेशल कोबरा बटालियन (सीओबीआरए यानी कमांडो बटालियन फॉर रेजोलियूट एक्शन) की महिला कमांडो जल्द ही नक्सलियों से मोर्चा लेंगी। छग के बस्तर के बीहड़ क्षेत्राें में उनके हथियारों की आवाज गूंजेगी। इसके लिए करीब 60 महिला कमांडो को हेडक्वार्टर द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग अविध पूरी होने बाद उनकी पोस्टिंग होगी। कोबरा बटालियन में एक ग्रुप बस्तरिया बटालियन के नाम से है। इससे साफ है, ट्रेनिंग ग्राउंड पर पसीना बहाने वाली महिला कमांडोज की बस्तर में पोस्टिंग होगी। यह सीआरपीएफ में पहला मौका है, जब महिला कमांडोज को शामिल किया गया है।
महिला कमांडो का बस्तरिया बटालियन
अफसरों के मुताबिक सीआरपीएफ में पांच महिला बटालियन हैं और कोबरा की नई बटालियन मिलाकर कुल छह हो जाएंगी। इनमें से एक छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके के नाम पर बस्तरिया बटालियन भी शामिल है।
ट्रेनिंग के बाद पोस्टिंग
कोबरा बटालियन की महिला कमांडोज की ट्रेनिंग मुख्यालय स्तर पर कराई जा रही है। ट्रेेनिंग के बाद उनकी पोस्टिंग की जगह निर्धारित होगी।
- प्रकाश डी., आईजी, सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़
नक्सली में महिला कैडर
अफसरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे इलाकों में नक्सली और माओवादी संगठनों में महिला कैडर भी हैं। सीआरपीएफ के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में नक्सल प्रभावित इलाकों में कुल 21 नकसलियों को ढेर किया गया था और 569 को गिरफ्तार किया गया था। वहीं करीब 340 नक्सलियों ने सरेंडर भी किया है।
कड़ी ट्रेनिंग के बाद होगी पोस्टिंग
अफसरों के मुताबिक सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट को जंगल वॉरफेयर में महारत हासिल है। महिला कमांडो प्लाटून को कोबरा में शामिल किया गया। महिला कमांडोज को प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग दी जा रही है। महिला कमांडोज काे आंखों पर पट्टी बांधकर वैपन-हैंडलिंग, फील्ड-क्राॅफ्ट ड्रिल, जलती आग से गुजरने जैसी तमाम तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि जंगल में उनका मनोबल बना रहे और दुश्मनों के सीने काे छलनी कर सकें।
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