Cyber Police Station : नए साइबर थाना का एक माह पहले उद्घाटन, लेकिन एफआईआर एक भी नहीं, फाइलें पुराने थानों में जाम

रायपुर। गंज थाना परिसर (Ganj police station)में भले ही प्रदेश का पहला रेंज साइबर थाना (cyber police station)शुरू हो गया है, लेकिन यहां सीधे एफआईआर (FIR)दर्ज करने के साथ लोगों को राहत दिलाने में देर है। एक महीने उद्घाटन के बाद भी किसी भी केस में में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की जा साथ ही पुलिस अफसरों ने दावा किया था कि इस थाने में साइबर क्राइम(cyber crime) से जुड़े मामले में सीधे एफआईआर दर्ज करते हुए कार्रवाई होगी, लेकिन लगभग एक माह गुजर जाने के बाद सकी है। थाना के उद्घाटन के भी सेटअप नहीं बन सका है।
साइबर थाना के लिए बाकायदा टीआई और सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति हो चुकी है, लेकिन एफआईआर दर्ज कर इन्वेस्टिगेशन का सिस्टम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। जानकारी के मुताबिक पिछले महीने की 10 तारीख को प्रदेश के सभी संभागों में रेंज साइबर थाना की शुरुआत करते हुए रायपुर संभाग के लिए गंज परिसर में नए थाना का लोकार्पण किया गया था। डीएसपी क्राइम के सुपरविजन के साथ साइबर थाना में टीआई समेत 14 लोगों के स्टाफ की नियुक्ति 7 अगस्त को हो चुकी है। साइबर थाना के नए प्रभारी गिरीश तिवारी के बताए अनुसार, अभी धीरे-धीरे सेटअप तय किया जा रहा है।
पांच जिलों में नए साइबर थाने
रायपुर के अलावा रेंज के महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार और धमतरी जिले के सभी थाना क्षेत्रों में होने वाले आनलाइन फ्रॉड और फाइनेंसियल फ्राड की जांच यहीं से होना है, लेकिन अभी भी अधूरे सेटअप की वजह से कार्रवाई काफी धीमी है। साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के आंकड़ों की बात की जाए, तो हर महीने लगभग 200 केस सामने आ रहे हैं।
अलग-अलग टीमें नियुक्त
जिला और रेंज के लिए अलग-अलग टीआई की पदस्थापना की गई है। साइबर फ्राड के लिए अलग टीम की व्यवस्था की गई है, जबकि फाइनेंसियल फ्राड के लिए दूसरी टीम बनाकर जांच का सिस्टम बनाने निर्देश है। साइबर थाना में अलग- अलग कक्ष बनाए गए हैं। पूछताछ कक्ष, हेल्प डेस्क और लाकअप रूम भी अलग से तय किया गया है।
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