छत्तीसगढ़ में मंडराया लंपी वायरस का खतरा : यहां दिखा एक मवेशी में लक्षण, जांच के लिए भेजे गए सैंपल

छत्तीसगढ़ में मंडराया लंपी वायरस का खतरा : यहां दिखा एक मवेशी में लक्षण, जांच के लिए भेजे गए सैंपल
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इस जिले में एक मवेशी में लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं, जिसकी पुष्टि पशु विभाग के चिकित्सकों ने की। अब उसका ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। कहां मिला लंपी वायरस का संदिग्ध केस... पढ़िए पूरी खबर...

दुर्ग। अब छत्तीसगढ़ में भी लंपी वायरस ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। दुर्ग जिले में एक मवेशी में इसके लक्षण मिले हैं, जिसकी पुष्टि पशु विभाग के चिकित्सकों ने की। अब उसका ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डॉ. एमके चावला का कहना है कि अब तक एक ही पशु में लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं। उसका ब्लड सैंपल रायपुर भेजा गया है। वहां से भोपाल भेजा जाएगा। लैब में जांच होने के बाद ही तय हो पाएगा कि संदिग्ध मवेशी में लंपी के वायरस है या नहीं। अभी तक एक भी पशु में इस वायरस के होने की पुष्टि नहीं हुई है। उसके अलावा 3 और मवेशियों के सैंपल भी भेजे गए हैं।

जिले में कुछ और मवेशियों में भी लंपी वायरस के लक्षण

वहीं कामधेनु विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और पशु चिकित्सक डॉ. एसके मैती ने कहा है कि जिले में कुछ और मवेशियों में भी इसके लक्षण मिले हैं। डॉ. मैती के अनुसार लंपी वायरस भेंड़ और बकरी में पाए जाने वाले वायरस का अपग्रेड रूप है। यह गाय और भैंस प्रजाति के जानवरों में ही होता है। इसमें जानवर को तेज बुखार आता है। शरीर में ढ़ेर सारी छोटी-छोटी गांठ दिखने लगती है। पैरों में सूजन आ जाता है। तेज दर्द के कारण जानवर चल नहीं पाता है और उसका खाना भी कम हो जाता है।

दूसरे जानवर या इंसानों में नहीं फैलता वायरस

डॉ. मैती ने बताया कि लंपी वायरस गाय-भैंस के अलावा दूसरे जानवर या इंसान में नहीं फैलता है। इसलिए उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। मवेशियों में ये न फैले इसके लिए सबसे जरूरी है कि दूसरे राज्यों से मवेशियों को यहां न लाएं। एक जानवर का चारा दूसरा जानवर न खाए। मच्छर, मक्खियों से बचाव करें। एक जानवर की सुई दूसरे जानवर को कभी न लगाएं। इससे यह वायरस तेजी से एक से दूसरे में फैलता है।

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