दंतेवाड़ा : उफनती नदी पारकर स्वास्थ्य अमला पहुंच रहा ग्रामीणों तक, 'मलेरिया मुक्त बस्तर' अभियान जारी

दंतेवाड़ा। डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विभाग कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। वहीं दुर्गम इलाकों में भी डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं ऐसी ही एक तस्वीर दंतेवाड़ा से आई है। अपनी जान जोख़िम में डालकर नदी को पार कर अपने कर्तव्य निभाती ये तस्वीर दंतेवाड़ा के घनघोर नक्सल प्रभावित अरनपुर इलाके की है, जहां महिला एएनएम डॉक्टर का हाथ पकड़े पानी को पारकर रेवाली गांव में 'मलेरिया मुक्त बस्तर' अभियान में शामिल होने जा रही है।
रेवाली के 65 घरों में 286 ग्रामीणों की जांच की की गई, जहां 13 लोग मलेरिया पॉजिटिव निकले। साथ ही टीम ने 15 साल से 49 वर्ष की महिलाओं का 'एनीमिया मुक्त बस्तर' अभियान के तहत हिमोग्लोबिन की भी जांच की।
दरअसल नक्सल प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना भी स्वास्थ्य अमले के लिए किसी चुनौती से कम नहीं, कंधे पर दवाईयां लिए नदी पार करते इस तस्वीर से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि स्वास्थ्य अमला किन परिस्थितियों में अभियान पूरा करने में लगा हुआ है।
उपस्वास्थ्य केंद्र पोटाली के डॉक्टर अतीक अंसारी व महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पिंकी भदौरिया मलगेर नाले को पार कर अपनी टीम के साथ मेडिकल कैम्प के लिए रेवाली गांव निकले थे। नदी के तेज बहाव को जैसे-तैसे मेडिकल टीम ने पारकर 5 किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुँची। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत ग्राम रेवाली में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया, जहाँ ग्रामीण मलेरिया स्वास्थ्य समिति का गठन किया गया, जिसमें गांव की मुखिया बैगा गुनिया को शामिल किया गया गांव में मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग नीम के पत्ते का धुआ करना एवं गड्ढों को भरने का सुझाव दिया गया। स्वास्थ्य टीम में अतीक अहमद अंसारी प्रभारी सेक्टर अधिकारी व पिंकी भदौरिया एवं गोविंद झुर्री चंद्रशेखर पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल थे।
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