दूर हुआ 133 मासूम की आंखों से मोतियाबिंद का अंधेरा, 17 बच्चे को इंतजार

रायपुर: मोतियाबिंद फ्री स्टेट अभियान के तहत सालभर में 133 मासूम की आंखों से अंधेरा दूर करने में स्वास्थ्य विभाग को सफलता मिली है। स्कूलों में विभिन्न अभियानों के दौरान प्रदेश में डेढ़ सौ बच्चे की पहचान मोतियाबिंद संक्रमित के रूप में की गई थी, इनमें 17 बच्चों की सर्जरी करने जांच सहित अन्य प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
सामान्यत: ऐसा माना जाता है कि मोतियाबिंद बढ़ती उम्र में आंखों की रोशनी को धूमिल करता है, मगर ध्यान नहीं देने पर यह संक्रमण बचपन में दृष्टिबधित कर सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों में अनुवांशिक कारणों से सफेद मोतिया की समस्या पैदा होती है, जो उम्र होने के साथ बढ़ती जाती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी आयुवर्ग के मोतियाबिंद प्रभावित लोगों की पहचान कर उनकी सर्जरी का प्रयास कर रही है। इसके तहत नेत्र शिविर के साथ आरबीएसके तथा चिरायु योजना के तहत स्कूलों में जाकर 15 साल से कम आयु के बच्चों की जांच कर उनकी दृष्टिदोष में सुधार की कोशिश की जा रही है। इस अभियान में बीते साल में कुल 150 ऐसे बच्चों की पहचान की गई, जिनकी आंखों में मोतियाबिंद का संक्रमण था और ज्यादातर जन्म से ही इस समस्या से पीड़ित थे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इनमें 133 बच्चों की सर्जरी कर मोतियाबिंद के अंधकार को दूर कर लिया गया है और 17 बच्चों की सर्जरी की प्रक्रिया पूरी की जा रही है, इनमें वे बच्चे शामिल हैं, जिनकी पहचान दिसंबर माह में चलाए गए नेत्र पखवाड़ा अभियान में हुई थी।
सबसे ज्यादा रायगढ़ में सर्जरी
सूत्रों के मुताबिक बीते साल में सबसे ज्यादा 29 बच्चों का ऑपरेशन रायगढ़ जिले में किया गया है। इसी तरह हाल ही में चलाए गए बाल नेत्र सुरक्षा पखवाड़ा में पीडियाट्रिक कैटरेक्ट के पांच मरीजों की पहचान कांकेर जिले में हुई, जिनकी सर्जरी की प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में राजधानी में जन्म से मोतियाबिंद संक्रमण के साथ धुंधला जीवन जी रहे तीन सगे भाई-बहनों और उसकी मां की सर्जरी पूरी की गई थी।
एंटीबायोटिक का दुष्परिणाम
चिकित्सकों के मुताबिक बच्चों में मोतियाबिंद की वजह जेनेटिक के साथ मां के गर्भवती होने के शुरुआती तीन दिनों में बिना चिकित्सकीय सलाह के अधिक मात्रा में एंटीबायोटिक दवा का उपयोग करना होता है। कई बार बच्चों को किसी बीमारी अथवा संक्रमण के कारण भी मोतियाबिंद की समस्या आ जाती है।
पहचान के बाद सर्जरी
बच्चों में भी कई कारणों से मोतियाबिंद से संबंधित शिकायत होती है। ऐसे बच्चों की पहचान के लिए अभियान चलाया जाता है और विभिन्न योजनाओं के तहत उनकी सर्जरी की जाती है।
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