कांटेक्ट ट्रेसिंग में अब पांच नहीं बल्कि कोविड मरीज से जुड़े 20 लोगों का डाटा बेस

रायपुर. शहर में कोरोना के मामले बढ़ने पर जिला प्रशासन ने अब सख्त कार्रवाई की कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में मरीजों की संख्या में नियंत्रण रखने के लिए प्रशासन ने कांटेक्ट ट्रेसिंग सेंटर में एक्सपर्ट दल में न ही संख्या बढ़ाने का फैसला किया है, बल्कि मरीजों से जुड़े डाटाबेस में भी निगरानी रखे जाने वालों की संख्या में दोगुना इजाफा कर इनकी संख्या 20 तक कर दी है।
फोन नंबर के जरिए कोविड संक्रमित व्यक्ति के बारे में जानकारी ली जाएगी। इसके साथ इनसे जुड़े रहने वाले 20 लोगों का भी डाटा बेस बनाया जा सकेगा। इसी कड़ी में गुरुवार को न्यू सर्किट हाऊस स्थित कांटेक्ट ट्रेसिंग कमांड सेंटर में अपर कलेक्टर पदमिनी भोई साहू ने ट्रेसिंग टीम की बैठक लेने के बाद आवश्यक निर्देश दिए। बता दें, जिले में कोरोना मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ने के बाद फिर से प्रशासनिक अमले ने हालात पर काबू करने व्यवस्था फिर से बदल दी है। कमांड सेंटर में अफसर-कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के साथ में कोविड प्रभावित व्यक्ति से जुड़े और लोगों की जानकारी जुटाने सिस्टम बनाया गया है।
नागरिकों से किया आग्रह
अपर कलेक्टर भोई ने बताया कि कई बार प्रभावित कोरोना मरीज द्वारा प्राइमरी कांटेक्ट की जानकारी नहीं बताई जाती है या कम से कम बताई जा रही है, ऐसे में कोविड के फैलाव की आशंका बढ़ जाती है। प्रशासन द्वारा सभी नागरिकों से आग्रह किया गया है इस राष्ट्रीय आपदा की घड़ी में कोविड मरीज के संपर्क में आये अधिक से अधिक व्यक्तियों की जानकारी प्रदान करें और कोरोना महामारी के फैलाव एवं रोकथाम में सहयोग प्रदान करें। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना होने की जानकारी छिपाने या कांटेक्ट ट्रेसिंग की जानकारी नहीं देने पर संबंधितों के विरुद्ध पुलिस में एफआईआर की कार्रवाई भी होगी।
नई गाइड लाइन में जानकारी जरूरी
कलेक्टर ने कहा है कि कोरोना की रोकथाम एवं बचाव के लिए यह बेहद जरूरी है कि करोना प्रभावित लोग पिछले दिनों में अपने किन-किन रिश्तेदारों, घर -परिवार के लोगों, ऑफिस, व्यापार, यार-दोस्तों से मिले हैं, उनकी सूची अनिवार्य रूप से कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम को उपलब्ध कराएं। उनके द्वारा दी गई जानकारी से ही कोविड संक्रमण को रोकने में सफलता मिल पाएगी। इस बार संपर्क में रहने वाले पांच नहीं, बल्कि बीस लोगों तक का डाटा बेस बनाया जा सकेगा।
लापरवाही में अब फिर से केस फाइल
अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि ऐसे लोग जो जानबूझकर या लापरवाही से ऐसी जानकारी नहीं देते हैं या छुपाते हैं, के खिलाफ कार्रवाई करें और जरूरत पड़ने पर उनके विरुद्ध पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई जाए। कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के न्यूनतम 15 प्राथमिक कांटेक्ट सूची की संख्या में बढ़ोतरी करने के बाद नए सिरे से ट्रेसिंग सेंटर में काम शुरू किया गया है। जुड़े लोगों के संक्रमण की जांच कर आगे स्वास्थ्य की कार्यवाही की जा सके।
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