बहू का जानलेवा षड़यंत्र : वह पति और पांच परिजनों को देती रही स्लो प्वाइजन...20 दिन के भीतर पांचों की हो गई मौत, फिर कैसे खुला राज... पढ़िए

एनिश पुरी गोस्वामी-मोहला। फिल्मों और धारावाहिक में देखने को मिलता है कि पारिवारिक दुश्मनी और प्रॉपर्टी की लालच में किस तरह से स्लो प्वाइजन का धोखे से सेवन कराके किसी के परिवार को खत्म कर दिया जाता है। अब तक यह कहानी पर्दों में देखने को मिल रही थी। लेकिन दिल दहला देने वाली यह वारदात मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी (MBC) जिले से सटे महाराष्ट्र (maharashtra) के गढ़चिरौली जिले के अहेरी तहसील में हुआ जहां एक परिवार के पांच सदस्यों को इसी तरह से मौत के घाट उतारा गया।
गढ़चिरौली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 20 सितंबर को मौजा महगांव तहसील अहेरी जिला गढ़चिरौली निवासी शंकर कुंभारे और उनकी पत्नी विजया कुंभारे की तबीयत अचानक खराब हो गई जिन्हें अहेरी और फिर चंद्रपुर और बाद में नागपुर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन 26 सितंबर को शंकर और अगले दिन 27 सितंबर को उसकी पत्नी विजया की इलाज के दौरान अचानक मौत हो गई।
माता-पिता की मौत के बाद बच्चों की मौत
इससे पहले कि परिवार माता-पिता की मौत के सदमे से उबर पाता मृतक शंकर कुंभारे की दो बेटियां कोमल दहागांवकर, आनंदा उर्फ वर्षा उराडे और बेटा रोशन कुंभारे की भी तबीयत बिगड़ गई। परिवार के अन्य सदस्यों ने उन्हें आनन-फानन में अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया। दवा और उपचारों के बाद भी उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ और दिन-ब-दिन और उनकी हालत बिगड़ती गई। इनमें बेटी कोमल दहागांवकर की 8 अक्टूबर को और दूसरी बेटी आनंदा उर्फ वर्षा उराडे की 14 अक्टूबर को और बेटा रोशन कुंभारे की 15 अक्टूबर को मौत हो गई।
घर के बड़े बेटे, ड्राइवर और एक रिश्तेदार को भी दिया जहर
मृतक शंकर कुंभारे का सबसे बड़ा बेटा सागर कुंभारे दिल्ली में रहता है। माता-पिता के अस्पताल में होने की सूचना पर वह चंद्रपुर आया हुआ था। अपने माता-पिता की मौत के बाद जब वह दिल्ली लौटा तो उसकी भी तबीयत अचानक खराब हो गई और उसे इलाज के लिए दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी तरह शंकर कुंभारे और विजया कुंभारे को इलाज के लिए अहेरी ले जाने वाले उनकी कार के ड्राइवर राकेश मंडावी को भी दूसरे दिन से तबीयत खराब होने के कारण चंद्रपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा अपने रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती होने के कारण, शंकर कुंभारे के साली का लड़का उनकी मदद करने के उद्देश्य से चंद्रपुर और नागपुर अस्पताल में सहायता करता रहा। इसके बाद उसकी भी तबीयत खराब हो गई और उसे इलाज के लिए उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सा अधिकारी के हवाले से गढ़चिरौली पुलिस ने जानकारी दी कि तीनों लोगों की हालत स्थिर है और उनकी हालत में सुधार हो रहा है।
मृत और बीमार लोगों में एक ही तरह का लक्षण
मृत पांच एक ही परिवार के सदस्य और अस्पताल में भर्ती तीनों लोगों के अंगों में झुनझुनी होना, पीठ के निचले हिस्से और सिर में तेज दर्द होना, होंठ काले पड़ना और जीभ का भारी होना जैसे समान लक्षण पाया गया। उक्त लक्षणों के आधार पर चिकित्साधिकारी ने प्रारंभिक अनुमान लगाया कि मृत और बीमार लोगों पर किसी जहर का असर है लेकिन उनकी प्रारंभिक जांच में जहर के बारे में अधिक निश्चित जानकारी नहीं मिल सकी है।
जांच के लिए गठित की गई टीम
एक ही परिवार के पांच लोगों की अचानक एक के बाद एक मौत होने से पूरे इलाके में मातम के साथ-साथ भय का माहौल है। इस घटना को गढ़चिरौली पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने बेहद गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अहेरी यतीश देशमुख अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, अहेरी सुदर्शन राठौर, थाना प्रभारी मनोज कालबं और स्थानीय अपराध शाखा गढ़चिरौली के पुलिस निरीक्षक उल्हास भुसारी और उनकी जांच टीम को इस अपराध का पर्दाफाश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
बहू ने रचा मौत का खेल
इस घटना की जांच के लिए चार अलग-अलग जांच टीमों का गठन किया गया। महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य के विभिन्न जिलों में की गई जांच के दौरान मृतक शंकर कुंभारे की बहू संघमित्रा कुंभारे और उनके साले की पत्नी रोजा रामटेके इन दोनों के खिलाफ सबूत मिले। इसके बाद पुलिस ने हिरासत में लेकर उनसे कड़ाई से पूछताछ की। तब जाकर मौत की साजिश का खुलासा हुआ। आरोपी संघमित्रा कुंभारे ने बताया कि, उसने अपने माता-पिता के खिलाफ जाकर रोशन कुंभारे से शादी की थी। इस वजह से ही उसके पिता ने आत्महत्या कर ली। इधर ससुराल में उसका पति रोशन और ससुराल वाले उसे ताना मारते और परेशान भी करते थे।
संघमित्रा ने बताया कि उसकी सास विजया और दूसरी बहनों के बीच ससुर शंकर कुंभारे की जमीन पर कब्जे को लेकर बहस होती रहती थी। इस वजह से उसने परिजनों को मारने की योजना बनाई। इस योजना में उसकी रिश्तेदार रोजा रामटेके ने उसका साथ दिया। रोजा ही तिलंगाना से स्लो प्वाइजन लेकर आई थी। इसके बाद जब भी उन्हें मौका मिलता वे परिजनों के खाने में जहर डालकर परोसने लगे। इस तरह से उन्होंने मौत का खेल खेला।
आरोपियों को भेजा गया जेल
इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत जेल भेज दिया। फिलहाल पुलिस इस मामले की गहनता से जांच करने में जुटी हुई है। वारदात में शामिल अन्य लोगों और जहर दिलवाने वाले आरोपी पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS