सुपेबेड़ा में जारी है मौत का तांडव : किडनी की बीमारी से पीड़ित महिला की हुई मौत, 82 पहुंचा मौतों का आंकड़ा

सुपेबेड़ा में जारी है मौत का तांडव : किडनी की बीमारी से पीड़ित महिला की हुई मौत, 82 पहुंचा मौतों का आंकड़ा
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किडनी रोग से प्रभावित सुपेबेड़ा गांव की अब तक ना तस्वीर बदली है और ना ग्रामीणों की तकदीर। ग्रामीण आज भी दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। यहां बताना लाजमी होगा कि ललिता 57 वर्ष की थी। उसे साल 2018 में ओडिशा में इलाज के दौरान पता चला था कि, उनका क्रिटिनिन लेबल लगातार बढ़ रहा है। पढ़िए पूरी खबर...

रविकांत तिवारी देवभोग। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में किडनी प्रभावितों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुपेबेड़ा गॉव में आज एक और किडनी रोगी की मौत हो गई। सुपेबेड़ा गांव की पहचान किडनी रोगियों के लिए जग जाहिर है। पिछले 8 साल से किडनी के मरीजों की मौत हो रही है। आज गॉव के ललिता सोनवानी की मौत हो गई। ललिता किडनी के रोग से पीड़ित थी। इसके साथ ही गांव में किडनी की बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 82 हो गई है। किडनी रोग से प्रभावित सुपेबेड़ा गांव की अब तक ना तस्वीर बदली है और ना ग्रामीणों की तकदीर। ग्रामीण आज भी दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। यहां बताना लाजमी होगा कि ललिता 57 वर्ष की थी। उसे साल 2018 में ओडिशा में इलाज के दौरान पता चला था कि, उनका क्रिटिनिन लेबल लगातार बढ़ रहा है।

डेढ़ साल से चल रहा था डायलिसिस-

सुपेबेड़ा गांव के हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं। गांव के महेंद्र सोनवानी ने बताया कि ललिता सोनवानी का पिछले डेढ़ साल से पेरोटोनीयल डायलिसिस चल रहा था। महेंद्र के मुताबिक दिन में चार बार उनका डायलिसिस होता था। महेंद्र ने बताया कि चार साल पहले ओडिशा के धर्मगढ़ में इलाज के दौरान पता चला था कि मृतका का क्रिटिनिन लेबल बढ़ रहा है। इसके बाद उनका एम्स में भी इलाज जारी रहा। डॉक्टरों की सलाह पर तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उनका डायलिसिस शुरू किया गया था।




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