जिला गठन के एक साल पूरे : पूरी हुई लोगों की दशकों पुरानी मांग, विकास के साथ सुरक्षा का हुआ एहसास

सचिन अग्रहरि-खैरागढ़। आज के ही दिन यानी 3 सितंबर को एक साल पहले लोगों की आकांक्षाएं नए जिले के निर्माण के साथ पूरी हुईं। नए जिले की संरचना तय करने प्रशासन ने 18 अप्रैल 22 को ओएसडी डॉ. जगदीश सोनकर और ओएसडी पुलिस अंकिता शर्मा को भेजा। 3 सिंतबर को भव्य कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश के 33 वें जिले के रूप में खैरागढ़, छुईखदान, गंडई का शुभारंभ किया और दोनो ओएसडी को क्रमश: जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया।
क्षेत्र की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का ध्येय लेकर शासन ने पुलिस प्रशासन की कमान प्रदेश की पहली महिला आईपीएस अंकिता शर्मा को दी, जिनके कार्यभार संभालते ही जिले के अंतर्गत आने वाले थाना व चौकी क्षेत्रों में अपराध के ग्राफ में कमी आई। पब्लिक फ्रेंडली पुलिसिंग को बढ़ावा मिला और सबसे खास बात पुलिस कप्तान की सहजता के साथ फरियादियों से मिलना, समस्याओं के त्वरित निकरारण को लेकर व्यक्तिगत रुचि लेना रहा। जिसके चलते महज एक साल की अल्पावधि में जिला पुलिस ने कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और सामुदायिक पुलिसिंग के कामों में सफलता के नवीन मापदंड स्थापित किए। साल भर पुलिस की गतिविधियो को देखें तो पता चलता है कि, आपरेशन मुसकान के तहत अभियान चलाकर 39 गुमशुदा बालक बालिकाओं को बरामद किया गया। इनमें 16 बच्चे दीगर प्रदेशों में मिले। इसी तरह पतासाजी करके 236 गुम इंसानों को परिजनों को सौंपा गया।
क्राइम कंट्रोल और केस साल्व करने का बना रिकार्ड
साइबर क्राइम को लेकर भी पुलिस कप्तान अंकिता शर्मा के सफल मार्गदर्शन में विभिन्न थानों में दर्ज साइबर अपराधों में एक दर्जन को होल्ड कराकर 2 लाख 26 हजार से ऊपर की राशि कोर्ट से प्रार्थी को वापस कराया गया। दिल्ली से आनलाइन फ्राड के आरोपी को हिरासत मे लेकर 45 लाख की वापसी कराई गई। मप्र के शाजापुर से दो अपराधियो को गिरफ्तार कर 5 लाख 80 हजार, झारखंड से एक आरोपी के पास से 1 लाख 35 हजार, आनलाइन साइबर पोर्टल 1930 द्वारा होल्ड रकम 2 लाख 42 हजार कोर्ट के माध्यम से वापस लौटाया गया। वहीं नागपुर से चोरी के आरोपियों को पकडक़र 4 लाख के जेवरात बरामद करने के साथ साथ 105 चोरी अथवा गुम मोबाईलों को वापस लौटाया गया। जिला निर्माण के साथ ही सजग पुलिस की अवधारणा को बल देने साइबर सेल, आईआरएडी, आनलाईन फ्राड, सीसीटीएनसी और फिंगर प्रिंट की जानकारी लेने विषय विशेषज्ञो की उपस्थिति मे प्रशिक्षण शिविरो का आयोजन किया गया। 116 प्रकरणो मे जिला विधिक सेवा के माध्यम से पांच लाख 75 हजार राहत राशि दिलाने मे जिला पुलिस सफल हुई है।
महिला अपराधों में आई उल्लेखनीय कमी
हमर बेटी हमर मान अभियान तहत जिले मे 183 कार्यक्रम आयोजित कर 9 हजार से उपर को एप डाउनलोड कराकर प्रदेश मे छठवॉ स्थान हासिल करने मे जिला पुलिस सफल हुई। अभियान तहत लगातार कार्यक्रम आयोजन से महिला अपराध में कमी नजर आ रही है एक ओर जनवरी से जुलाई 22 मे रेप के 22 प्रकरण दर्ज हुए थे जिसमे 46 प्रतिशत गिरावट और अपहरण के मामलो मे दस फीसदी कमी आई। नक्सल मूवमेंट को लेकर भी सर्चिंग के दौरान कुम्ही भोथली रोड मे दो किलो के टिफिन मे डंप आईडी को बरामद कर डिस्पोज किया। झिलमलिी के जंगल मे नक्सली साहित्य भी बरामद करने मे पुलिस सफल हुई। नक्सली गतिविधियो पर अंकुश लगाने एसपी अंकिता शर्मा के नेतृत्व मे आईटीबीपी बल, डीआरजी और छसबल लगातार अभियान चला रहा है वही सीमावर्ती प्रदेश महाराष्ट्र के मुरकोडीह गोंदिया और मप्र के टेमनी बालाघाट और छग के मलैदा मे संयुक्त बेस कैंप स्थापति किया गया है। वनाचंल मे बसे ग्रामीण आदिवासियो के बीच भरोसा और सामंजस्य बनाए रखने नक्सल प्रभावित ग्रामो मे सिविक एक्शन प्रोग्राम और सामुदायिक पुलिसिंग तहत बच्चो को खेलकूद का सामान, ग्रामीणो को कृषि उपकरण का वितरण किया जा रहा वही परपंरागत खेलो की स्पर्धा भी कराई जाती है, जिसमे ग्रामीण और सुरक्षा बल के जवान आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं।
यातायात व्यवस्था पर हुए अनूठे प्रयोग
यातायात व्यवस्था को पटरी मे लाने आम जनमानस को जागयक करने जिला पुलिस ने 24 अप्रैल 22 से चालान नहीं समाधान अभियान का शुभारंभ किया गया। इस दौरान 60 जगह शिविर लगाकर 1 हजार 32 का लाइसेंस, 360 का बीमा, 602 वाहनों के कागजातों का दुरुस्तीकरण और 98 वाहन चालकों का नेत्र परीक्षण कराया गया। इसके अलावा 395 नंबर प्लेट मौके पर ही बनवाकर वाहनो मे लगवाया गया। 135 जगहो पर चलित थाना लगाकर ग्रामीणो को कानून और उसके प्रावधानो की जानकारी दी गई। पुलिस के इस प्रयास की लोगो ने दिल खोलकर सराहना करते हुए कहा कि समाधान दंड नही समाधान के रूप मे करके पुलिस समस्या को जड़ से मिटा रही है। सुगम आवाजाही मे आवारा मवेशियों के जमघट के चलते घटना दुर्घटना की आशंका के मद्देनजर पांच सौ से उपर मवेशियो को रेडियम बेल्ट पहनाया गया जिसके कारण इनकी वजह से एक्सीडेंट मे मौत का प्रतिशत कम हुआ वहीं चोट को लेकर सत्तर फीसदी कमी आई।
जिले का सीसीटीवी कराया गया परिचय
अपराधियो की पहचान सुनिश्चित करने पुलिस की पहल पर मकान दुकान और चौक चौराहों में 85 सीसी टीवी कैमरा लगाया है। दो सौ के आसपास बच्चों को सुरक्षा हेतु स्वालंबन स्कीम तहत प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा आत्मरक्षा के लिए कराते सिखाया गया। कल्याणकारी गतिविधियों को लेकर पुलिस जवानो और गरीब तबके के पचास से उपर बच्चों को उड़ान स्कीम तहत निशुल्क ट्यूशन दिया गया। जिला अंतर्गत 65 वाट्सअप बीट्स बनाकर चार हजार से उपर को इसमे जोड़ा गया है ताकि अफवाहो पर काबू पाया जा सके और सांप्रदायिक उन्माद की स्थिति मे समय पूर्व शांति व्यवस्था बहाल की जा सके। ग्रुप के माध्यम से कानून व नियमो की जानकारी दी जा रही है इससे काफी हद तक घरेलू हिंसा, नशाखोरी, जुआ सट्टा की सूचना मिलने पर कारवाई हो रही है।
सामाजिक बुराइयों के खिलाफ मुहिम की हुई सराहना
थाना व चौकी मे पृथक से महिला डेस्क का गठन कर सशक्त महिला व सशक्त समाज की अवधारणा को जिला पुलिस साकार रूप देने मे जुटी है। पुलिस कप्तान अंकिता शर्मा के मार्गदर्शन मे सामाजिक बुराइयो के खिलाफ जनजागरूकता अभियान के साथ ही समझाइश के बाद भी नही मामने वालो के खिलाफ विभिन्न धाराओ के तहत कानूनी कारवाई की जा रही है। अपराध नियंत्रण को लेकर जिला गठन बाद 109 के आठ, 110 के तेरह, 151 के 244, 107-116-3 के 1089 और 145 के 13 प्रकरण सहित 260 के खिलाफ बांड ओवर की कारवाई की गई। आबकारी एक्ट के 507, जुआ एक्ट के 95 और सट्टा के 101 प्रकरणो पर कारवाई की गई वही नौकरी सहित अन्य कार्यो के लिए आनलाईन चरत्रि सत्यापन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कुल मिलाकर देखा जाए तो जिले मे शांति सुरक्षा को लेकर पुलिस कप्तान अंकिता शर्मा के मार्गदर्शन मे पुलिस मित्र की छवि साकार रूप में नजर आ रही है।
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