Demand: खनिज विभाग की नीति से ठेकेदारों में नाराजगी, बिल्डर्स एशोसिएशन ने प्रावधान में सुधार करने की रखी मांग

राजनांदगांव। प्रदेश के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने वाले ठेकदारों को खनिज विभाग के प्रावधान से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खनिज विभाग (Mineral Department) द्वारा वर्तमान में रायल्टी नहीं होने की स्थिति में 5 गुना काटने का प्रावधान किया है। इस प्रावधान के कारण ठेकेदारों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है और इसका असर निर्माण कार्यों पर भी पड़ने लगा है। इस संबंध में बिल्डर्स एशोसिएशन (Builders Association) ने नाराजगी जाहिर करते हुए खनिज विभाग ( Mineral Department) के प्रावधान में सुधार करने की मांग की है।
सरकारी निर्माण कार्यों के जरिए प्रदेश के विकास में बहुत बड़ा योगदान देने वाले ठेकेदारों को बीते कई महीनों से खनिज विभाग के प्रावधान से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एशोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि खनिज विभाग द्वारा रायल्टी नहीं होने की स्थिति में 5 गुना काटने का प्रावधान किया है। बिल्डर्स एशोसिएसन (Builders Association) ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए मांग किया है कि अनुबंध में निहित प्रावधान के तहत चल देयक से सरकारी दर पर रायल्टी राशि काटकर खनिज विभाग में जमा करते हुए ठेकेदारों का भुगतान करें, ताकि प्रदेश के विकास में तन, मन एवं धन से लगे ठेकेदारों का भुगतान हो सकें और निर्माण कार्य गुणवत्ता से निर्बाध रूप से चले व समय सीमा पर पूर्ण हो सकें। इस संबंध में बिल्डर्स एशोसिएसन ने शासन प्रशासन से ठेकेदारों के हितों को ध्यान में रखतें हुए प्रावधान में बदलाव की मांग की है। इन समस्याओं को लेकर बीते दिनों एशोसिएशन की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में स्टेट चेयरमैन कंवलजीत सिंह ओबेरॉय, सेंटर चेयरमैन रायपुर रूपेश सिघंल, आलोक शिवहरे, हरसिमरन सिंह ओबेरॉय, के चंद्रशेखर राव, सुशील अग्रवाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
करोड़ों के निर्माण कार्य पर असर
प्रदेश में प्राय: प्रत्येक जिलों में करोड़ों रूपए के निर्माण कार्य प्रगति पर है। आगामी महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ठेकेदारों को समय सीमा पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश मिले है। इसी के अनुरूप ठेकेदार समय पर कार्य पूर्ण करने में जुटे हुए है, लेकिन खनिज विभाग की रायल्टी में जो प्रावधान लागू किया गया है। इसका असर करोंड़ों रूपए के निर्माण कार्यों पर भी पड़ने लगा है।
जीएसटी 6% का भुगतान अटका
बिल्डर्स एशोसिएसन ने शासन से जीएसटी की समस्या पर भी ध्यान आकर्षित कराया है। एशोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्व में निर्माण में जीएसटी 12 फीसदी लागू किया गया था। पिछले वर्ष जीएसटी 12 फीसदी के स्लेब को बदलकर 18 फीसदी कर दिया गया। लोक निर्माण विभाग अंतर की राशि 6 फीसदी की राशि का भुगतान नहीं कर रहा है। एशोसिएशन ने अंतर की राशि का भुगतान तत्काल करने की मांग की है।
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