सरकारी विभागों में ई-कार की डिमांड, छत्तीसगढ़ में शोरूम नहीं, इसलिए अटका मामला

रायपुर. प्रदेश में छत्तीसगढ़ राज्य पाॅवर कंपनी, नगरीय प्रशासन विभाग के साथ क्रेडा के अधिकारी ई-कार की सवारी कर रहे हैं। ई-कार उपलब्ध कराने वाली केंद्र सरकार की कंपनी ने प्रदेश के करीब 50 विभागों को इसका प्रस्ताव दिया है।
पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण जहां कई सरकारी विभाग ई-कार लेना चाहते हैं, वहीं जिंदल कंपनी ने भी ई-कार की डिमांड की है। कारों की डिलीवरी में एक सबसे बड़ी परेशानी यह सामने आ रही है कि ई-कार बनाने वाली कंपनी के यहां अब तक शोरूम नहीं खुले हैं। कंपनी पहले चरण में ए क्लास सिटी में शोरूम खाेल रही है। इसके बाद रायपुर का नंबर आने पर ही कारें मिल सकेंगी। इस बार जो ई-कार के नए मॉडल आए हैं, वो ज्यादा एवरेज देते हैं।
राजधानी की सड़कों पर अभी कुछ सरकारी अफसरों की ई-कारें दौड़ रही हैं। सबसे पहले पाॅवर कंपनी ने तीन कारेें खरीदीं। इसके बाद चार और विभागों ने भी ये कारें ली हैं। क्रेडा ने तो एक कार नकद में खरीदी है। इसके अलावा एनआरडीए, स्मार्ट सिटी और अर्बन डेवलपमेंट ने दो-दो कारें ली हैं। एक कार प्रदेश के मंत्री डॉ. शिव डहरिया भी चला रहे हैं। इस समय जो कारें चल रही हैं, वो एक बार चार्ज हाेने पर सौ किलोमीटर चलती हैं, लेकिन अब जो कारें आने वाली हैं, वो एक बार चार्ज होने पर तीन सौ से साढ़े चार सौ किलोमीटर तक चलेंगी।
ई-कारों के उपयोग पर जोर
केंद्र सरकार ने देशभर के सरकारी अधिकारियों के साथ मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के लिए ई-कारों का उपयोग करने पर जोर दिया है। सरकारी विभागों को ई-कारें उपलब्ध कराने के साथ देश के हर राज्य के शहरों में ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने का जिम्मा भी केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के ज्वाइंट वेंचर की कंपनी ईईएसएल को दिया गया है। कंपनी ने यहां पर सबसे पहले पावर कंपनी में कारें दीं। इसके बाद अन्य विभागों को भी लगातार कारें दी जा रही हैं। इन कारों के उपयोग से करोड़ों की बचत होगी। अभी जो कारें दी गई हैं, उनमें प्रति किलोमीटर एक रुपए का खर्च आता है, लेकिन अब जो नई कारें टाटा और हुंडई की आई हैं। इनमें प्रति किलोमीटर का खर्च और कम आएगा। टाटा की कार की जहां 17 लाख के आसपास कीमत है, वहीं हुंडई की कार करीब 21 लाख में आएगी।
कई विभागों को देंगे ई-कार
ईईएसएल कंपनी ने प्रदेश के करीब 50 विभागों को ई-कार सप्लाई का प्रस्ताव दिया है। कई विभागों की इसमें रुचि भी है। सभी को नई कार आने का इंतजार है। इसके आने के बाद जब यह तय हाे जाएगा कि कितनी ईएमआई देनी होगी तो कारों की डिलीवरी की जाएगी। कंपनी ने पुलिस विभाग को भी अपनी सभी पेट्रोलिंग वाली कारें बदलने का प्रस्ताव दिया है। पुलिस विभाग ने इस प्रस्ताव को माना और ई-कारों का उपयोग किया तो लाखों रुपए के पेट्रोल की बचत होगी।
शोरूम खुलते ही देंगे
कई विभागों को कारेें देनी हैं, बस यहां शोरूम खुलने का इंतजार है। अभी ए क्लास सिटी में शोरूम खुल रहे हैं, जल्द ही यहां भी शोरूम खुलेंगे तो कारों की डिलीवरी शुरू करेंगे।
- वेदप्रकाश, क्षेत्रीय प्रमुख, ईईएसएल
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