Raipur: संविधा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने रोका

Raipur News: नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेशभर के हजारों संविदा कर्मचारी सोमवार को नवा रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल पहुंचे। जहां उन्होंने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन कर अपने हक के लिए आवाज बुलंद की। बीजापुर, बलरामपुर, कोरिया, दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर से बसों की सवारी कर सुबह से ही बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी धरनास्थल तक पहुंचे। जहां से रैली की शक्ल में नियमितीकरण के लिए गठित समिति के पदाधिकारियों का घेराव करने निकले। पुलिस ने उन्हें रेलवे अंडरब्रिज के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोका, इस दौरान आंदोलकारियों और पुलिस जवानों के बीच झूमाझटकी हुई।
पंडाल में उमड़ी भीड़, प्रांगण के बाहर भी डटे रहे
रायपुर शहर से दूर होने के बावजूद तूता के धरनास्थल पर प्रदेश के 33 जिलों से संविदा कर्मचारी बड़ी संख्या में पहुंचे। इनमें महिला व पुरूष कर्मचारियों की खासी भीड़ नजर आई। कुछ महिलाएं छोटे बच्चों को साथ लेकर प्रदर्शन करने पहुंचीं। वहीं गरियाबंद से लोक निर्माण में कार्यरत दिव्यांग कर्मचारी नमित वर्मा दोनों हाथों में बैसाखी थामे हड़ताली कर्मचारियों का हाैसला बुलंद करने पहुंचे थे। सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष अशाेक कुर्रे, हेमंत सिन्हा, प्रवक्ता सूरज सिंह ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। पदाधिकारियों का कहना है कि जन घोषणापत्र में किए गए वादे के अनुरूप संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण आज तक नहीं कर पाए। इससे नाराज स्वास्थ्य विभाग सहित, पंचायत, कृषि, शिक्षा, महिला बाल विकास, लोक निर्माण, मनरेगा सहित अन्य विभागों के 45 हजार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
बिलासपुर से छोटे बच्चे को साथ लेकर पहुंची महिला
बिलासपुर से अपने छोटे बच्चे को साथ लेकर प्रदर्शन करने तूता स्थित धरनास्थल पहुंची संविदा महिला कर्मचारी का कहना है, 10 दिनों में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा करने वाली सरकार अपने वादे से मुकर रही है। पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट में क्या निर्णय लिया गया, यह अब तक कर्मचारियों को पता नहीं है, इसलिए समिति के पदाधिकारियों को सार्वजनिक रूप से ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग से अवगत कराने आए हैं।
सारंगढ़ जिले से धरना-प्रदर्शन में शामिल संविदा कर्मचारियों का कहना है, प्रदेशव्यापी आंदोलन से हम सरकार को ये कहने आए हैं कि चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी को रातों-रात जिता सकते हैं तो कर्मचारियों की अनदेखी करने वाली सरकार को हटाने का दम भी रखते हैं।
काले कपड़े पहनकर जताया विरोध, सिर पर सफेद टोपी भी
सड़क पर उतरे संविदा कर्मचारियों ने धरनास्थल पर मांग की अनदेखी के विरोध में काले कपड़े पहनकर विरोध जताया। वहीं धरना प्रदर्शन के दौरान कई कर्मचारियों ने सिर पर सफेद टोपी लगाकर नियमितीकरण का संदेश पहुंचाया। प्रदर्शनकारियों ने सभास्थल पर जमकर नारेेे भी लगाए। इनमें ना बीमा ना पेंशन, जिंदगीभर का टेंशन का नारा पंडाल में गूंजता रहा।
बताओ काकाजी, बताओ ना बाबाजी
नियमितीकरण की बाट जोह रहे संविदा कर्मचारियों का सब्र सोमवार को धरनास्थल पर गीत की शक्ल में फूट पड़ा। सामूहिक स्वर में प्रदर्शनकारियों ने कुछ इस तरह गीत गाया , एक बात यूं हमें बताओ काकाजी, बताओ ना बाबाजी, क्या वादा तेरा पूरा हुआ। घोषणा हुई और आपने कमेटी बना तो दी, 4 साल हो गए हम तो तरस गए काकाजी, क्या वादा तेेरा हुआ बताओ ना बाबाजी।
7 दिनों से भूख हड़ताल कर सत्याग्रह
धरनास्थल पर 3 जुलाई से आधा दर्जन संविदा कर्मचारी भूख हड़ताल कर शांतिपूर्ण सत्याग्रह पर बैठे हैं। उनका कहना है, जब तक नियमितीकरण की मांग पूरी नहीं होगी, वे घर नहीं लौटेंगे।
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