अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही महिलाओं की बिगड़ी तबियत : रैली के दौरान बेहोश होकर गिरी महिलाएं, ज्ञापन सौंपते हुए मीडिया के सामने छलका दर्द

अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही महिलाओं की बिगड़ी तबियत : रैली के दौरान बेहोश होकर गिरी महिलाएं, ज्ञापन सौंपते हुए मीडिया के सामने छलका दर्द
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प्रदर्शनकारी महिलाओं ने, ज्ञापन लेने पहुंचे नायब तहसीलदार विक्रांत सिंह और मीडिया को रोते हुए अपना दर्द सुनाया। वहीं, नायब तहसीलदार ने उनकी मांगों को पंचायत मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही महिलाओं की अचानक तबियत बिगड़ने का मामला सामने आया है। इसमें 4 महिलाएं रैली के दौरान बेहोश होकर सड़क पर गिर गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। फिलहाल ये महिलाए अब ठीक हैं।

दरअसल राजधानी के धरनास्थल बूढ़ातालाब पर पिछले कई दिनों से दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजन अनुकंपा नियुक्ति के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी के चलते कल दिवंगत पंचायत अनुकंपा नियुक्ति संघ के सदस्य रैली निकालकर पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे के निवास का घेराव करने के लिए निकले थे। वे लगातार पंचायत मंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं। इस दौरान स्मार्ट सिटी के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर, उन्हें रोक लिया। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच खूब झूमाझटकी भी हुई। इससे कुछ महिलाएं रोते हुए सड़क पर बैठ गईं।

ज्ञापन देते हुए सुनाया अपना दर्द

इसी बीच अचानक कुछ महिलाएं बेहोश होकर सड़क पर गिर पड़ी। आनन-फानन में इन महिलाओं को एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इन महिलाओं के बेहोश होने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। कुछ दिन पहले भी प्रदर्शनकारी महिलाओं में से 2 लोग धरनास्थल पर भूख हड़ताल करते हुए बेहोश हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने इनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखने के लिए मेडिकल स्टाफ को भी धरनास्थल पर बैठा दिया है। कुछ देर बाद प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने, ज्ञापन लेने पहुंचे नायब तहसीलदार विक्रांत सिंह और मीडिया को रोते हुए अपना दर्द सुनाया। वहीं, नायब तहसीलदार ने उनकी मांगों को पंचायत मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।

बिना पैसे, कैसे होगा बच्चों का पालन-पोषण ?

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उनके पति के गुजरने के बाद उनकी जगह पर इन्हें अनुकंपा नौकरी मिले। घर से कमाने वाले के चले जाने की बाद उनके पास भूखे मरने की नौबत आ गई है। वे गरीबी में जीवन गुजारने को मजबूर हैं। उनके बच्चों का पालन-पोषण आखिर बिना पैसों के कैसे होगा ? जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है, उनकी हालत और खराब है। उनके पास कोई आर्थिक सहारा नहीं है और वे मजदूरी करके जीवन गुजार रहे हैं। वहीं, कुछ युवा ऐसे भी हैं, जो पैसे नहीं होने की वजह से पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं।

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