मरवाही उपचुनाव : देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा ने दिया कांग्रेस को समर्थन, धर्मजीत सिंह ने दी चुनौती - 'कांग्रेस जॉइन करके लड़ें चुनाव'

मरवाही। उपचुनाव को लेकर आज जेसीसीजे को बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब पार्टी के दो विधायकों ने आज अचानक गौरेला पहुंचकर कांग्रेस को समर्थन दे दिया, जबकि पार्टी ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है। आज खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह और बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा ने पहले तो गौरेला स्थित स्व. अजीत जोगी की समाधि पर श्रद्धांजली अर्पित किया और बाद में एक होटल मे पहले मंत्री जयसिंह अग्रवाल से बंद कमरे में मुलाकात की।
मुलाकात के बाद उन्होंने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि अमित जोगी ने कोर कमेटी के किसी सदस्य से पूछकर भाजपा को समर्थन देने का निर्णय नहीं लिया और अजीत जोगी के नहीं रहने पर भाजपा से समझौता जोगी की विचारधारा को ठेंस पहुंचाना है। विधायक देवव्रत सिंह ने कहा कि स्व. अजीत जोगी की समाधि तक की हालत खराब है, और ये उनके नाम पर न्याय मांगने निकले हैं। मुझे स्व. अजीत जोगी की समाधि की हालत देखकर दुख हुआ।
देवव्रत सिंह ने ऐलान किया कि हम दोनों विधायक कांग्रेस को समर्थन देने आए हैं और इस चुनाव में यदि विचारधारा की लड़ाई है, तो हम मरवाही की जनता के पास जाकर कांग्रेस को वोट देने की अपील करेंगे और अमित जोगी से अलग हम कांग्रेस को समर्थन देने आए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि महासमुंद लोकसभा चुनाव में वहां की जनता ने कांग्रेस को समर्थन दिया। देवव्रत सिंह ने कांग्रेस प्रवेश से इंकार करते हुये केवल समर्थन देने की बात करते हुये कहा कि तकनीकी आधार पर कांग्रेस जॉइन संभव नहीं है क्योंकि हम 4 विधायक ही है। अजित जोगी के पास जाति प्रमाण पत्र था तब भाजपा सुप्रीम कोर्ट तक उनके खिलाफ गई पर आज पता नही क्यों भाजपा और जेसीसीजे में समझौता हो गया।
देवव्रत ने बताया कि अजीत जोगी की समाधि पर मैंने माफी मांगी है। उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी 2020 में अजीत जोगी के निर्देश पर ही मैं दिल्ली जाकर कांग्रेस की वापसी को लेकर सोनिया गांधी से मिला था। वहीं देवव्रत ने अमित जोगी की डील के संबंध में जानकारी होने से इंकार किया। देवव्रत ने कहा कि रेणु जोगी दिल से कांग्रेसी है, उनकी मानसिकता भी कांग्रेस के साथ में है और आज कांग्रेस को समर्थन देने के पहले मैंने रेणु जोगी से बात करने की कोशिश की। देवव्रत सिंह ने यह भी कहा कि अमित जोगी ने बेटे का नाम रखने के लिए तक सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। वही बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा ने देवव्रत सिंह की हर बात का समर्थन किया।
इस संबंध में अमित जोगी ने दोनों विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि- 'जब दोनों मेरे बड़े भाई अजीत जोगी के लिए समर्पित हैं, तो उस समय प्रेसवार्ता क्यों नहीं ली, जब चुनाव में मेरा और पत्नी ऋचा का नामांकन रदद् किया गया।
वहीं जेसीसीजे के विधायक दलनेता धर्मजीत सिंह ने कहा कि- स्व. अजीत जोगी के मान-सम्मान के लिए हम चुनाव के मैदान में हैं। मैं दोनो विधायकों को चुनौती देता हूँ कि कल सुबह कांग्रेस जॉइन करें ये दोनों लोकप्रिय नेता हैं और JCCJ से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ लें।
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