2200 वर्गफीट जमीन के मुआवजे पर विवाद, 48 करोड़ का नया ब्रिज निर्माण अटका

रायपुर. तेलघानी नाका रेलवे ब्रिज का निर्माण कार्य मुआवजे के चक्कर में पूरा नहीं हो पाया है। मुआवजा प्रकरण ने लोक निर्माण विभाग के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। एक जगह मामला फंस जाने के बाद विभाग ब्रिज निर्माण के अहम हिस्से में काम शुरू नहीं कर पा रहा है। इससे ब्रिज के लिए सालभर की देरी होने की संभावना बढ़ गई है। दरअसल निजी जमीन के लिए ही पूरा मसला अटक गया है।
भू-स्वामी के पास विभाग की ओर से रखे गए प्रस्ताव पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। इसके चलते अहम हिस्से में ही पिलर और गर्डर का काम पूरी तरह से रोकना पड़ा है। तहसील से मिली रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिज निर्माण के लिए 22 सौ वर्गफीट का मसला अभी भी उलझा हुआ है। निजी स्वामित्व की जमीन के लिए मुआवजा राशि के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से बड़े हिस्से में काम प्रभावित हो गया है। गर्डर से लेकर पिलरों का काम फंसने के बाद पीडब्लूडी की तरफ से पुराने ब्रिज को दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है।
जर्जर ब्रिज के नीचे 130 ट्रेनों का दबाव रोजाना
रायपुर से दुर्ग रेलवे लाइन के ऊपर तेलघानी नाका का पुराना ब्रिज है। यह ब्रिज 50 साल की आयु पूरी कर चुका है। इस ब्रिज के नीचे से रोजाना करीब 130 ट्रेनें गुजरती हैं। पुराने ब्रिज के पिलर कमजोर पड़ जाने के बाद कई बार कंपन की स्थिति ने लोक निर्माण विभाग के होश उड़ाए हैं। कुछ महीने पहले ही पीडब्लूडी और रेलवे के ज्वाइंट एग्रीमेंट के मुताबिक पुराने ब्रिज को दुरुस्त कर काम चलाया जा रहा है।
लागत 48 करोड़, 4 साल में 40 फीसदी कार्य
तेलघानी नाका के नए ब्रिज पर महोबा ब्रिज की तर्ज पर चौड़ाई बढ़ाने के साथ नए पिलर खड़े किए जाएंगे। प्रस्तावित ब्रिज चौड़ीकरण की योजना में 48 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह प्लानिंग चार साल पहले की है, लेकिन इतने दिनों बाद भी सिर्फ 40 फीसदी काम ही हो सका है। कोविडकाल में काम प्रभावित रहा, लेकिन प्रशासन स्तर पर मुआवजा प्रकरण भी नहीं सुलझ पाया।
मुआवजे पर फैसला जल्द
तेलघानी नाका ब्रिज निर्माण के लिए मुआवजा प्रकरण का निराकरण होने को है। एक जमीन स्वामी के मामले में केस की सुनवाई विचाराधीन है।
- प्रणव सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, रायपुर
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS