जिला अस्पताल ने की लापरवाही की हद पार, मृत बताकर भेजा घर, सांस चलने से परिजनों ने फिर लाया अस्पताल

नारायणपुर. जिला अस्पताल ने रविवार को लापरवाही की सारे हदें पार कर दी जब जिंदा युवक को मृत घोषित कर घर भेज दिया गया। रोते बिलखते परिजनों के सामने युवक ने आंखे खोलकर जिंदा होने का सबूत दिया। पसीने से तरबतर युवक को घर में पानी पिलाने के बाद परिजन दौड़ते-भागते हुए फिर से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां आरोप-प्रत्यारोप के बीच जिंदगी की जंग युवक हार गया। भाजपा युवा नेता जैकी कश्यप ने अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
बताया गया कि एक अन्य महिला की ईसीजी की रिपोर्ट देखकर वार्ड क्रमांक-15 डूमरतराई के युवक कामता पात्र (21) को मृत घोषित करने का बड़ा कारनामा करने के बाद किसी प्रकार की अफसोस करने की बजाय अस्पताल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है। रविवार की सुबह युवक की तबीयत खराब होने पर परिजन 108 में लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सक तथा स्टाफ ने ईमरजेंसी वार्ड में ले जाना तक जरूरी नहीं समझा। बल्कि 37 साल की अन्य महिला का ईसीजी रिपोर्ट देखकर युवक के परिजन को थमा कर जिंदा युवक को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद युवक को लेकर रोते बिलखते परिजन घर पहुंच गए।
जिला मुख्यालय के अस्पताल में घोर लापरवाही
जिला मुख्यालय के एक वार्ड डूमरतराई के युवक कामता को शनिवार की रात में उल्टी-दस्त हुई थी। रविवार की सुबह पेट में दर्द होने पर संजीवनी एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया। इस दौरान युवक को दूसरे की रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मृतक के पिता से कहा गया कि आपका बेटा रास्ता में ही दम तोड़ दिया है। जिसके बाद जिंदा युवक को परिजन घर लेकर आ गए। घर में जब सीने में हाथ रखकर परिजन विलाप कर रहे थे उसी दौरान परिजनों को सांस चलने का आभास हुआ। जिसके कुछ देर बाद युवक उठ बैठा। मातम खुशियों में बदल गई थी फिर युवक के शरीर से पसीना निकलने पर बेहतर इलाज के लिए परिजन युवक को लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां परिजनों और अस्पताल प्रबंधन के बीच कहा सुनी चलती रही इसी बीच युवक की हकीकत में मौत हो गई। इस तरह की घोर लापरवाही जिला मुख्यालय के अस्पताल में हुई जहां आलाधिकारियों की मौजूदगी है।
समय पर ईलाज होता तो बच जाती जान
मृतक के पिता पूजमन पात्र ने बताया कि अस्पताल की घोर लापरवाही से उनके जवान बेटे की मृत्यु हो गई। उन्होंने आरोप लगाते कहा कि समय पर इलाज होता तो उनका बेटा जिंदा होता। ईसीजी रिपोर्ट किसी 37 वर्ष की महिला की बताई जा रही है जबकि मृत युवक की उम्र 21 वर्ष है।
सुबह हो गई थी मृत्यु
मृतक के परिजनों को वहम है युवक की सुबह 8 बजे ही मुत्यु हो गई थी। युवक सिकलिन का मरीज था उसे खून की भी कमी थी।
डॉ सूर्यवंशी, सिविल सर्जन जिला अस्पताल नारायणपुर
दोषियों पर हो कड़ी कार्रवाई
21 साल के युवक को इलाज के लिए सुबह अस्पताल ले जाया गया जहां सही ढंग से इलाज नहीं हुआ। किसी अन्य महिला का ईसीजी रिपोर्ट देकर मृत मान लेना घोर लापरवाही है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
रजनू नेताम, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री नारायणपुर
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