जिला अस्पताल की बिजली गुल, नवजात की मौत : बिजली के साथ ही बंद हुई आक्सीजन सप्लाई, जनरेटर महीनों से खराब...

कोरबा। कोरबा के जिला अस्पताल में बीती रात एक बड़ी घटना घट गई। शार्ट सर्किट के कारण अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की बिजली चली गई। इसके चलते समय पर आक्सीजन नहीं मिलने के कारण एक नवजात बच्चे की जान चली गई, वहीं दो बच्चों को असमय रिफर करना पड़ा। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से यह घटना घटी है। हालांकि मेडिकल कालेज के डीन ने लापरवाही की बात से साफ इंकार कर दिया है।
कोरबा के जिला अस्पताल में बीमार नवजात बच्चों को रखने के लिए बनाए गए एसएनसीयू वार्ड की बिजली बीती रात चली गई। आक्सीजन का प्रवाह रुकने के कारण एक बच्चे की मौत हो गई वहीं दो की हालत बिगड़ने लगी जिसके कारण रात में ही उन्हें रिफर करना पड़ा। बताया जा रहा है कि विशेष वार्ड में शार्ट सर्किट के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है, जिसके कारण घंटों तक वार्ड में बिजली की सप्लाई रुकी रही। यही वजह है कि बच्चों की हालत बिगड़ने पर उन्हें देर रात ही रिफर करने की सलाह दी गई। इस आपाधापी में दीपका निवासी अमित कुमार नामक व्यक्ति के बच्चे की जान चली गई, जबकि दो अन्य बच्चों को बिलासपुर और कोरबा के निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
डीन नहीं मानते कि लापरवाही हुई
इस विषय को लेकर हमने मेडिकल अस्पताल के डीन से बात की तब उन्होंने बताया कि शार्ट सर्किट के कारण विशेष वार्ड की बिजली जरुर चली गई थी, हालांकि कुछ समय के बाद पूरी व्यवस्था बहाल हो गई थी। एक बच्चे की मौत के मामले में उन्होंने जानकारी दी कि बच्चा पहले से कमजोर था इस कारण उसकी जान चली गई। अस्पताल कर्मियों की लापरवाही की बात से उन्होने साफ इनकार कर दिया।
जनरेटर ठीक होता नहीं जाती बच्चे की जान
अस्पताल के डीन ने भले ही लापरवाही की बात से साफ इनकार कर दिया हो, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि बिजली गुल होने की स्थिति से निपटने के लिए भारी-भरकम जनरेटर लगाया गया है। लेकिन वह भी खराब पड़ा है, यही वजह है कि यह घटना घटी है। अस्पताल प्रबंधन को सारी व्यवस्था दुरुस्त रखने की जरुरत है, ताकि विषम परिस्थितियों में किसी की जान न जा सके।
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