जूनियर डॉक्टरों की मांग पूरी करने का अतिरिक्त खर्च 62 करोड़ सालाना, हड़ताल चौथे दिन भी रही जारी

रायपुर: स्टाइपेंड और अनुबंधित डाक्टरों का मानदेय बढ़ाने की मांग पूरी करने पर राज्य शासन पर सालाना लगभग 62 करोड़ रुपए सालाना का अतिरिक्त खर्चा आएगा। पिछले चार दिन से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है और रविवार को भी उनकी स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा हुई, मगर मांग पूरी होने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
प्रदेशभर के मेडिकल काॅलेजों के जूनियर डाॅक्टरों की हड़ताल की वजह से अस्पतालों में मरीज परेशान हो रहे हैं। सीनियर डाॅक्टर अस्पताल में मोर्चा संभाले हुए हैं, मगर व्यवस्था संभल नहीं रही है। इस बार डाॅक्टर आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं। उनका तर्क है कि पिछले चार साल से उन्हें केवल आश्वासन मिल रहा है। पीजी डाॅक्टर अपने स्टाइपेंड 41 से 42 हजार बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, वहीं अनुबंधित डाॅक्टरों का मानदेय लगभग साठ हजार बढ़ाने का तर्क दिया जा रहा है। हड़ताली डाॅक्टरों का तर्क है कि दूसरे राज्यों में स्टाइपेंड छत्तीसगढ़ से ज्यादा है, इसलिए उनकी छात्रवृत्ति भी बढ़ाने की आवश्यकता है। इन अनुबंधित और जूनियर डाॅक्टरों का मांग अगर पूरी की जाती है तो राज्य शासन पर इसके लिए लगभग 62.69 करोड़ रुपए का सालाना अतिरिक्त भार आएगा। रविवार को इस मामले में जूनियर डाॅक्टर एसोसिएशन और यूडीएफए के प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने चर्चा के लिए बुलाया था, मगर बात नहीं बनी। स्वास्थ्य मंत्री ने उनकी मांगों को जायज मानते हुए वित्त मंत्रालय और मुख्यमंत्री को अनुशंसा करने का आश्वासन दिया। जूडा एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ. प्रेम चौधरी का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री ने डीन और डीएमई को इस मामले में ड्राॅप्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद है कि उनकी मांग शीघ्र पूरी होगी और वे काम पर वापस लौटेंगे।
प्रस्तावित वृद्धि और व्यय
- श्रेणी वर्तमान स्टाइपेंड डिमांड अंतर कुल सीटें कुल भार सालाना (अनुमानित)
- इटर्नशिप 12600 23872 11272 746 10006944
- पीजी प्रथम 53550 95488 41938 269 135375864
- पीजी द्वितीय 56700 98382 41682 201 100536984
- पीजी तृतीय 59229 101274 42054 150 75697200
- अनुबंधित 55000 114552 59552 300 214387200
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