बस टर्मिनल में ट्रैवल्स एजेंसियों का दबदबा : एटीएम कक्ष पर कब्जा, चबूतरों पर सज रहे चाइनीज स्टॉल, अफसर मौन

हिमांशु शर्मा/रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के भाठागांव स्थित हाईटेक अंतर्राज्यीय बस स्टैंड तो है, पर यहां लोगों की मिलने वाली सुविधा उनसे छीन ली गई हैं। 50 करोड़ की लागत से यहां अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बनाया गया है, जो हाईटेक होने के साथ ही सर्व सुविधायुक्त है। घंटों बसों के इंतजार के दौरान यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसे देखते हुए यहां घासयुक्त चबूतरों का निर्माण कराया गया है। इन चबूतरों पर दुकानें लगाई जा रही हैं। किसी यात्री को पैसों की जरूरत पड़ जाए तो उसे एटीएम सुविधा देने के लिए दुकानें भी आरक्षित की गई हैं, पर यहां एटीएम का नामोनिशान नहीं है।
दरअसल बस स्टैंड में बस ट्रैवल्स कंपनियों का बोलबाला और मनमानी चल रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए बने एटीएम कक्ष पर जहां ट्रैवल्स एजेंसियों का कब्जा हो चुका है, वहीं चबूतरों को भी यात्रियों से छीनकर उन पर दुकानें बना दी गई हैं। इस मामले को लेकर हरिभूमि ने कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर से भी चर्चा की थी, पर अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
एटीएम के लिए बने कक्ष पर कब्जा
बस स्टैंड में यात्रियों को पैसों की जरूरत पड़ने पर इधर-उधर भटकना न पड़े, इसलिए बस स्टैंड के अंदर बैंकों के एटीएम खोलने के लिए चार दुकानों को आरक्षित रखा गया। हालांकि बस स्टैंड का लोकार्पण होने के बाद अब तक इन दुकानों में एक भी बैंक का एटीएम खोला नहीं गया है। इन सभी दुकानों में अब बस ट्रैवल्स एजेंसियों का कब्जा हो चुका है, जो दुकान पर अपनी कंपनी का बैनर-पोस्टर लगाने के साथ टेबल-कुर्सी और कंप्यूटर सिस्टम लेकर बैठे हुए हैं।
हॉल में अवैध काउंटर भी
बस स्टैंड भवन में ट्रैवल्स कंपनियों को दुकानें आवंटित की गईं, इसके बावजूद बस स्टैंड के हाॅल में कई ट्रैवल्स एजेंसियों की ओर से अवैध टिकट काउंटर खोले गए हैं। एजेंसियों की ओर से हॉल में टेबल और कुर्सी लगाकर टिकट काटे जा रहे हैं। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद अवैध काउंटर हटाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है।
यात्रियों के लिए बने चबूतरों पर चाइनीज स्टॉल
बस टर्मिनल में यात्रियों के लिए घासयुक्त चार चबूतरे भी यहां बनाए गए, जहां यात्री घंटों बैठकर या लेटकर बसों का इंतजार करते थे, पर इन चबूतरों पर दुकानें बना दी गई हैं। इसके निर्माण के दौरान हरिभूमि ने जिम्मेदार अधिकारियों से बात की थी, तब अधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई करने की बात कही थी, पर पांच माह बीत जाने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। अब इन दुकानों में चाउमीन, मंचूरियन, चिप्स पैकेट समेत अन्य खाद्य सामग्री बिक्री की जा रही है।
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