डॉ. सुधांशु त्रिवेदी पहुंचे रायपुर : कहा- कथनी और करनी में अंतर से कांग्रेस के लिए खड़ा हुआ विश्वसनीयता का संकट

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी पहुंचे रायपुर : कहा- कथनी और करनी में अंतर से कांग्रेस के लिए खड़ा हुआ विश्वसनीयता का संकट
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यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री त्रिवेदी ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, सरकार जनता के बजाए सत्ता के सरोकार में लगी हुई है। कांग्रेस में इस वक्त वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। दोनों पक्ष कांग्रेस के शीर्ष को साधने में जुटे हुए हैं। श्री त्रिवेदी ने और क्या कहा... पढ़िए...

रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी शनिवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे हैं। यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री त्रिवेदी ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, सरकार जनता के बजाए सत्ता के सरोकार में लगी हुई है। कांग्रेस में इस वक्त वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। दोनों पक्ष कांग्रेस के शीर्ष को साधने में जुटे हुए हैं। सरकार आदिवासी सम्मान, कानून व्यवस्था, सरकार में सामंजस्य सब में विफल हो रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इस सरकार को जवाब देगी।

बाघ और सिंह के बीच द्वंद भारी पड़ने वाला है : डॉ. त्रिवेदी

अविश्वास प्रस्ताव पर डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, भले ही संख्या बल के दम पर विश्वास जीत लिया हो, लेकिन यह साफ दिखाई पड़ रहा है कि बाघ और सिंह के बीच में द्वंद भारी पड़ने वाला है। जनता सब देख रही है। दिल्ली में अपनी राजनीतिक संरक्षण के लिए जमुना गमन के लिए लगे हुए हैं। जनता माकूल जवाब देगी। त्रिवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश में विशेष पर्यवेक्षक बनकर वहां के लोगों से वादा करते हैं कि संविदा के कर्मचारियों को नियमित कर देंगे। मैं ये प्रश्न पूछता हूं, यहां तो सत्ता आपके हाथ में है, पर यहां क्यों नहीं कर रहे हैं। करनी और कथनी में अंतर है। कांग्रेस के लिए यही सबसे बड़ी विश्वसनीयता का संकट है, जहां की सत्ता है, वहां आप नहीं कर पा रहे।

बिगड़ती जा रही छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था

डॉ. त्रिवेदी ने छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था पर कहा कि दिन-प्रतिदिन कानून व्यवस्था बिगड़ते जा रही है। कवर्धा में जब कानून व्यवस्था की स्थिति बेहाल थी, तब सरकार दिल्ली में डेरा डालकर बैठी थी। चुनाव के समय बेरोजगारी भत्ता का वादा किया था, जो अब तक नहीं दिया गया। गरीबों को आवास उपलब्ध कराने में सरकार फिसड्डी साबित हुई, राज्य सरकार मोदीजी के प्रति ईष्या के भाव से काम कर रही है।

8 साल में अर्थव्यवस्था को 8 गुना बढ़ाया प्रधानमंत्री ने

जैविक अर्थव्यवस्था पर डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि 2014 के बाद से भारी अंतर आया है। 8 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 गुना अर्थव्यवस्था को बढ़ाया है और 2030 तक 300 बिलियन, 30 गुना करने का लक्ष्य रखे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य जहां ऑर्गेनिक का लाभ मिल सकता है, वहां अगर प्रधानमंत्री के इस विजन को लागू करते हैं तो प्रदेश की जनता को लाभ जरूर मिलेगा, लेकिन लाभ के लिए विश्वास होना जरूरी है।

किसान और जनकल्याण का विषय कम और लाभ का उपयोग अधिक

डॉ. श्री त्रिवेदी ने गोमूत्र खरीदी पर सरकार को बधाई देते हुए कहा कि यह भी देखना है कि जिस प्रकार से किसानों से लिया जा रहा है और जिस प्रकार से किसानों को दिया जा रहा है। जनता देख रही है कि किसान और जनकल्याण का विषय कम और लाभ का उपयोग अधिक दिखाई पड़ रहा है। गौमाता से मिलने वाला गौमूत्र, गोबर और दूध की सार्थकता राज्य के लिए बहुत उपयोगी है, पर उपयोगिता के साथ-साथ अपने उन गुनाहों के लिए भी माफी मांग लेनी चाहिए, जो केरल में विपक्ष के लोग गौमाता पर दुराचार कर रहे हैं।

आदिवासी महिला राष्ट्रपति के खिलाफ जहर उगल रहे कांग्रेसी

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने हर घर तिरंगा अभियान को लेकर कहा कि स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव वर्ष मनाया जा रहा है। आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी है, यह सुखद संयोग है। दिल्ली में कांग्रेस विष उगल रही है। छत्तीसगढ़ की सरकार संवैधानिक दायित्व नहीं निभा रही है। प्रदेश में 3 वर्ष में 67 फीसदी आदिवासी महिलाएं रोगग्रस्त की कगार पर हैं। छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में लेकिन ऐसा दिखाई पड़ रहा है कि यहां की सरकार भी अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन ना करते हुए जो अवमानना दिल्ली में दिखाई पड़ रही है, वैसी ही छत्तीसगढ़ में भी नजर आ रही है।


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