ड्रेस कोड खत्म : छत्तीसगढ़ के निजी स्कूलों का फैसला, वजह कहीं 'हिजाब विवाद' तो नहीं ?

रायपुर. देशभर में हिजाब विवाद और ड्रेस कोड को लेकर बहस छिड़ा हुआ है. इस बीच छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने ड्रेस कोड को लेकर एक अहम फैसला लिया है. छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूलों में यूनिफ़ॉर्म की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है. स्कूलों में इस सत्र के लिए विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू नहीं होगा.
बच्चे सामान्य वेशभूषा में क्लास जा सकेंगे. प्रदेश भर में छठवीं से 12वीं कक्षाओं के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. स्कूल खुलने के बाद से विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में स्कूल पहुंच रहे हैं. छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने 2022- 2023 सत्र के लिए सभी विद्यार्थियों के लिए यूनिफॉर्म की बाध्यता को समाप्त कर दिया है. हालाँकि आगामी सत्रों में यूनिफ़ॉर्म यथावत बने रहेंगे.
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने हरिभूमि से बातचीत में कहा कि यूनिफ़ॉर्म की बाध्यता ख़त्म करने के पीछे सिर्फ इतना ही वजह है कि कोरोना के चलते लंबे समय से बच्चे क्लास नहीं आ पाए. ऑनलाइन पढ़ाई चलती रही. कुछ बच्चों ने यूनिफ़ॉर्म ही नहीं ख़रीदा. अब सभी स्कूलों में बच्चे ऑफ़लाइन मोड पर क्लास पहुँचने लगे हैं.
यूनिफ़ॉर्म के चलते बच्चे क्लास आने से वंचित न हो जाएँ इसलिए यूनिफ़ॉर्म की बाध्यता ख़त्म कर दिया गया है. यूनिफ़ॉर्म की बाध्यता ख़त्म करने पर ऑफ़लाइन मोड में बच्चों की उपस्थिति बढ़ जाएगी. हिजाब विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में विवाद जैसी कहीं भी स्थिति नहीं है. हिजाब विवाद का मसला तो महाविद्यालयों का है.
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