मादक पदार्थ निषेध दिवस: 9 राज्यों में गांजा तस्करी का कॅारिडोर बना छत्तीसगढ़

ओडिशा और आंध्रप्रदेश से देशभर के 9 राज्यों में छत्तीसगढ़ गांजा सप्लाई का काॅरिडोर बन गया है। नशे के सौदागर उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, झारखंड और राजस्थान तक गांजा की खेप पहुुंचाने के लिए ट्रक और ट्रेलर से लेकर लग्जरी कार तक का इस्तेमाल कर रहे हैं। ओडिशा और आंध्रप्रदेश से गांजा की खेप रायपुर तक भेजते हैं और यहां से 9 राज्यों में खेप पहुंचाई जाती है।
सिर्फ रायपुर पुलिस ने करीब डेढ़ साल में 3 करोड़ रुपए कीमत का 15 क्विटल गांजा पकड़ा है। वहीं डीआरआई ने भी इस साल करीब पौने 3 करोड़ का गांजा बरामद किया है। सौदागरों के तस्करी का पैटर्न इतना शातिराना होता है कि आसानी से गांजा की खेप पकड़ पाना बेहद मुश्किल होता है। गांजा लोड ट्रक व ट्रेलर के आगे लग्जरी कार सवार तस्कर रहते हैं, जो ट्रक चालक को आगे की लोकेशन बताते हैं। इससे साफ है कि गांजा कारोबार अब टॉप पर पहुंच गया है और इसकी डिमांड भी शराब से अधिक हो गई है।
डेढ़ साल में इतना गांजा पकड़ा गया
अफसरों के मुताबिक रायपुर जिलेभर में जनवरी से दिसंबर 2020 में गांजा के 141 केस पकड़े गए थे। इनमें 5 क्विंटल से अधिक गांजा बरामद हुआ। वहीं जून 2021 तक कुल 60 केस पकड़े गए। इनमें करीब 10 क्विंटल गांजा पकड़ा गया। 20 हजार रुपए प्रति किग्रा के हिसाब से गांजा की कीमत करीब 3 करोड़ रुपए थी।
इस पैटर्न पर गांजा तस्करी
मछली लोड ट्रक में, फलों के बीच में, नमक के नीचे, ट्रकों की बाॅडी में बाक्स बनाकर, नारियल के नीचे, दवाओं के बक्सों में, लग्जरी कार में गांजा के पैकेट रखकर कई पैटर्न पर तस्करी की जाती है।
नशे के सौदागर इन रास्तों से करते हैं तस्करी
ओडिशा के मलकानगिरी, कोरापुट, जैपुर जैसे इलाकों में गांजा तस्कर जगदलपुर के रास्ते छग में घुसते हैं। छग में लैलूंगा, तमनार, पुसौर, बरमकेला, सारंगढ़ और सरिया के इलाकों से छग क्राॅस करना आसान। ओडिशा के संबलपुर, बरगढ़, सरायपाली से रायपुर तक पहुंचना आसान। महाराष्ट्र से नागपुर, भंडारा होते हुए चिचोला के रास्ते छग में प्रवेश। ओडिशा और आंध्रप्रदेश से जगदलपुर के रास्ते रायपुर पहुंचाना आसान। आंध्रप्रदेश से सुकमा, कोंटा, मडईगुड़ा, खंभ होते हुए रायपुर पहुंच सकते हैं। आंध्रप्रदेश से गढ़चिरौली, राजनांदगांव और दुर्ग होते हुए रायपुर पहुंचना आसान।
झुग्गी बस्तियों में बढ़ा गांजा का चलन
जानकारी के मुताबिक रायपुर जिलेभर के झुग्गी और निचली बस्तियों में सूखा नशा यानी गांजा सेवन करने का चलन बढ़ गया है। तर्क है शराब से कम दाम पर गांजा मिलना। नाबालिग से लेकर युवा और बुजुर्ग तक गांजा के शौकीन हैं। नशे में धुत नशेड़ी मारपीट, चाकूबाजी, चोरी, लूट, हत्या की कोशिश और हत्या जैसी वारदातें करते हैं।
बड़ी खेप पकड़ी
ओडिशा और आंध्रप्रदेश से अधिकांश गांजा तस्करी होती है। दूसरे राज्यों तक जाने वाली बड़ी खेप पकड़ी गई है। डेढ़ साल में करीब तीन करोड़ का गांजा बरामद किया गया है।
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