खाद की कीमतों में वृद्धि से किसानों को लगेगा हजार करोड़ का फटका

खाद की कीमतों में वृद्धि से किसानों को लगेगा हजार करोड़ का फटका
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रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि का असर राज्य की खेती-किसानी पर देखने को मिलेगा। राज्य में खरीफ फसल की तैयारी के पूर्व उर्वरकों की कीमत में बढ़ोतरी से लागत में भी वृद्धि होगी। राज्य के किसानों को इससे लगभग हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। राज्य में खाद के निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध जो खाद पहले प्रदाय की गई वह पुरानी कीमत पर मिलेगी।

रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि का असर राज्य की खेती-किसानी पर देखने को मिलेगा। राज्य में खरीफ फसल की तैयारी के पूर्व उर्वरकों की कीमत में बढ़ोतरी से लागत में भी वृद्धि होगी। राज्य के किसानों को इससे लगभग हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। राज्य में खाद के निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध जो खाद पहले प्रदाय की गई वह पुरानी कीमत पर मिलेगी। नया स्टॉक आएगा तो उस पर कीमतों में वृद्धि का असर पड़ेगा। किसानों को बढ़ी हुई कीमतों पर ही समितियों से खाद प्रदाय की जाएगी।

मार्कफेड के अधिकारियों ने बताया कि चालू सीजन के खरीफ फसल के लिए राज्य में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का लक्ष्य 11 लाख 75 हजार मीट्रिक टन निर्धारित है। खाद की खरीदी के लिए राज्य स्तरीय समिति द्वारा निविदा की दर तय की जाती है। उसके आधार पर खरीदी की जाती है। बताया गया है कि पिछले टेंडर के दौरान उर्वरकों की कीमत की दर कुछ कम थी उसके आधार पर लक्ष्य से आधा उर्वरक भंडारण समितियों में किया गया है।

उसके बाद डीएपी की कीमत पर मिलने वाले कच्चे माल की दरों में वृद्धि के चलते करीब 58 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। पहले डीएपी 1200 रुपए बैग के हिसाब से मिल रही थी। कीमत बढ़ने के बाद इसकी दर करीब 1800 रुपए के आसपास हो गई है। अन्य खाद की कीमतों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। वृद्धि का असर किसानों पर सीधे तौर पर पड़ेगा। फसल के उत्पादन में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि होती है। खाद की खपत भी उसी अनुपात में बढ़ती है। वर्तमान में खरीफ फसल की तैयारी के पूर्व राज्य की 2058 समितियों में उर्वरकों और खाद का भंडारण शुरू हो गया है।

अब बढ़ी हुई कीमतों पर मिलेगी खाद

मार्कफेड के महाप्रबंधक एमएल सिदार ने बताया कि जाे खाद पहले आ चुकी है वह किसानों को समितियों के माध्यम से पुरानी दर पर ही मिलेगी। बाद में जो खाद आएगी वह बढ़ी हुई कीमतों पर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि डीएपी की दर में ज्यादा वृद्धि हुई है। पहले यह 1200 रुपए की दर से मिल रही थी। कीमत बढ़ने के बाद यह करीब 1800 रुपए में मिलेगी। कुल मांग का आधा भंडारण हो चुका है। समितियों द्वारा उर्वरक और खाद का उठाव किया जा रहा है।

लक्ष्य से आधा उर्वरक भंडारित

निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 5 लाख 25 हजार 528 टन उर्वरक का भंडारण कराया जा चुका है। खाद की कीमतों के संबंध में, जिसमें 2 लाख 21 हजार 885 टन यूरिया, 90 हजार 402 टन डीएपी, 39 हजार 314 टन एनपी, एक लाख 8 हजार 522 टन सिंगल सुपर फास्फेट का भंडारण शामिल है। किसान समितियों से अब तक 22 हजार 940 मीट्रिक टन खाद का अग्रिम उठाव भी कर चुके हैं।

कीमत वापस लेने केंद्र को पत्र : चौबे

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि उर्वरकों की कीमत में वृद्धि से प्रदेश के किसानों को करीब एक हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा। डीएपी के अलावा अन्य उर्वरकों की कीमतों में खरीफ सीजन के पहले वृद्धि कर किसानों को संकटकाल में परेशानी में डाला गया है। कृषि मंत्री ने बताया कि बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। साथ ही राज्यों के कृषि मंत्रियों को भी पत्र लिखकर इसका विरोध करने का अनुरोध किया गया है।


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