Education : 20 साल बाद केंद्र में उत्तरपुस्तिकाएं जांचेंगे प्रोफेसर्स, पूरक परीक्षाओं में लागू होगा केंद्रीय मूल्यांकन

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विवि (Pt. Ravi Shankar Shukla University) की 27 अक्टूबर से शुरू हो रही पूरक परीक्षाओं (examinations)में इस बार केंद्रीय मूल्यांकन लागू किए जाने की तैयारी है। इसके पूर्व पीएचडी (PhD)प्रवेश परीक्षाओं में भी रविवि द्वारा केंद्रीय मूल्यांकन अपनाया गया था। केंद्रीय मूल्यांकन के अंतर्गत मूल्यांकनकर्ताओं को छात्रों को उत्तरपुस्तिकाएं घर ले जाने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें विवि द्वारा निर्धारित परीक्षा केंद्र में आकर ही उत्तरपुस्तिकाओं की जांच करनी होती है। रविवि में सत्र 2002-03 तक यही व्यवस्था लागू थी। बीस साल बाद मौजूदा सत्र में व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। मूल्यांकन कार्य में पारदर्शिता लाने तथा तय वक्त पर छात्रों को परिणाम देने यह प्रयोग किए जा रहे हैं।
रविवि की पूरक परीक्षाएं 22 नवंबर तक चलेंगी। हालांकि मुख्य विषयों की परीक्षाएं प्रथम पखवाड़े में ही संपन्न हो जाएंगी। शुरुआती परीक्षाओं के साथ ही मूल्यांकन कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। अध्यादेश में बदलाव के कारण पूरक परीक्षाओं में पहले ही विलंब हो चुका है। रविवि अकादमिक कलैंडर में पिछड़ चुका है। इसके कारण परीक्षा संबंधित कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने की कोशिश की जा रही है। पूरक परीक्षाओं के लिए आवेदन भी रविवि द्वारा प्रारंभ कर दिए गए हैं। छात्र 16 अक्टूबर तक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
थोक में बदले हैं अंक
तीन वर्ष पश्चात ऑफलाइन मोड में परीक्षाएं होने के कारण शैक्षणिक सत्र 2022-23 के परिणाम विशेष अच्छे नहीं रहे। कई कक्षाओं में बड़े पैमाने पर छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन भी किए। कुछ दिनों पूर्व जारी हुए नतीजों में सैकड़ों की संख्या में छात्रों के परिणाम बदले। इनमें कई छात्र फेल से सीधे पास हो गए। दूसरे तरह की लापरवाहियां भी समय-समय पर सामने आती रही है।
छात्रों से कॉपियां जंचवाने पर रोक
कुछ दिन पूर्व रविवि ने एक मामले पर कार्रवाई करते हुए एक मूल्यांकनकर्ता प्रोफेसर को डिबार कर दिया था। जांच में यह बात सामने आई थी कि प्रोफेसर ने स्वयं उत्तरपुस्तिका की जांच ना करके अपने छात्रों से इसकी जांच करवाई थी। पास छात्रों को भी फेल कर दिया गया था। केंद्रीय मूल्यांकन होने और रविवि द्वारा तय केंद्रों में ही प्रोफेसर्स द्वारा उत्तरपुस्तिकाएं जांचे जाने से इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी। इसके अलावा उत्तरपुस्तिकाओं की रैंडम चेकिंग की भी तैयारी है। उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद बंडल में से कुछ कॉपियों की रैंडम जांच यह देखने के लिए की जाएगी कि मूल्यांकन त्रुटि रहित है अथवा नहीं।
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