Education : 33 साल बाद उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव, हरिभूमि की खबर पर मुहर, इस बार दो विषयों में पूरक

Education : 33 साल बाद उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव, हरिभूमि की खबर पर मुहर, इस बार दो विषयों में पूरक
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel ) सदैव छात्र हित में फैसले लेते हैं। वे छात्रों और युवाओं को लेकर इतने संवेदनशील हैं कि ऐतिहासिक फैसले लेने से भी उन्हें गुरेज नहीं है। चंद दिन पहले ही युवाओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि दो विषयों में पूरक की पात्रता का आदेश जारी करा दें। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। हरिभूमि (HariBhoomi )की प्रकाशित खबर पर एक बार फिर मुहर लग गई है। दो विषयों में अनुत्तीर्ण छात्रों को भी इस बार पूरक परीक्षा में बैठने की पात्रता मिलेगी। वर्तमान में केवल एक विषय में ही फेल छात्रों को ही पूरक की पात्रता प्रदान की जाती है। उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department )द्वारा आयोजित कुलसचिवों की बैठक में विश्वविद्यालयों (Universities )को अध्यादेश में बदलाव के निर्देश दिए गए हैं। नियमतः परीक्षा संबंधित किसी भी तरह के परिवर्तन को लागू करने के लिए विवि कार्यपरिषद तथा विद्या परिषद (University Executive Council and Academic Counci ) lद्वारा संबंधित ऑर्डिनेंस को पारित किया जाना अनिवार्य होता है। अतः अब राज्य के सभी विश्वविद्यालय विद्या परिषद तथा कार्यपरिषद की बैठक आयोजित कर नियमों में बदलाव करेंगे, इसके बाद छात्रों के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी।

इसके पूर्व 90 के दशक में छात्रों को दो विषयों में पूरक की पात्रता प्रदान की जाती थी। शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बाद में इसमें परिवर्तन किया गया। उस वक्त तय किया गया कि केवल एक विषय में ही फेल होने वाले छात्रों को पूरक की पात्रता होगी। यदि कोई विद्यार्थी दो या उससे अधिक विषयों में अनुत्तीर्ण होता है तो उसे पुनः उस कक्षा की पढ़ाई कर परीक्षा में शामिल होना होता है। तीन दशक से अधिक समय के बाद इस नियम में बदलाव किया जा रहा है।

उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को अध्यादेश ले में बदलाव के दिए आदेश

गौरतलब है कि, नियम में बदलाव संबंधित यह खबर हरिभूमि ने ही सर्वप्रथम 6 अगस्त को प्रकाशित की थी। छात्र हित में फैसले- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel ) सदैव छात्र हित में फैसले लेते हैं। वे छात्रों और युवाओं को लेकर इतने संवेदनशील हैं कि ऐतिहासिक फैसले लेने से भी उन्हें गुरेज नहीं है। चंद दिन पहले ही युवाओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि दो विषयों में पूरक की पात्रता का आदेश जारी करा दें। , इस बार लाखों युवा दो विषयों में फेल हैं। एक विषय का नियम होने की वजह से लाखों युवाओं का अहित हो रहा था। युवाओं के आग्रह को न केवल मुख्यमंत्री ने समझा बल्कि उनके हित में दो विषयों में पूरक की पात्रता का आदेश जारी करवाया। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए छत्तीसगढ़ का युवा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सदैव आभारी रहेगा। कांग्रेस नेता ,विनोद तिवारी

रविवि की बैठक बुधवार को

कुलसचिवों को जारी खत में उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department )द्वारा कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के दौरान छात्रों को अध्ययन - अध्यापन का उचित अवसर प्राप्त नहीं हो सका है। अध्यापन कार्य बड़े पैमाने पर प्रभावित रहा है। ऐसे में परीक्षा परिणाम के पूर्व निर्धारित मानक को शिथिल कर दो विषयों में पूरक प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। आदेश के बाद पं. रविशंकर शुक्ल विवि ने 16 अगस्त को कार्यपरिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई है।

14 प्रतिशत छात्र दो विषयों में फेल

प्रदेश में 9 राजकीय विवि संचालित हैं। इनमें से 6 विवि में स्नातक स्तर पर वार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इन विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल 14 प्रतिशत अर्थात 72 हजार 51 छात्र दो विषयों में फेल हुए हैं। वहीं 21 प्रतिशत अर्थात 1 लाख 9 हजार 112 छात्र दो से अधिक विषयों में फेल हुए हैं। नए नियम के अनुसार, अब 2 विषयों में फेल होने वाले 14 प्रतिशत अर्थात 72 हजार 51 छात्रों को पूरक की पात्रता मिल जाएगी अर्थात इन छात्रों के पास उत्तीर्ण होने का एक और अवसर है। ये बदलाव सिर्फ शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए किए जा रहे हैं। सेमेस्टर परीक्षाओं में छात्रों को एटीकेटी की सुविधा पहले से ही प्रदान की जाती रही है। ऐसे में ये नियम केवल वार्षिक परीक्षाओं के लिए मान्य रहेंगे।

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