Education : चौंकिए मत... ये खंडहर नहीं लैब हैं, यहां प्रयोग कर बोर्ड में टॉपर बनेंगे हमारे छात्र !

Education  : चौंकिए मत... ये खंडहर नहीं लैब हैं, यहां प्रयोग कर बोर्ड में टॉपर बनेंगे हमारे छात्र !
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  • जनवरी से प्रारंभ हो रही है दसवीं-बारहवीं की प्रायोगिक परीक्षाएं
  • कहीं लैब नहीं तो कहीं शिक्षक नहीं, शासकीय स्कूलों में दम तोड़ती विज्ञान शिक्षा

रायपुर-रुचि वर्मा/ मैनपुर-उसन खान/ जगदलपुर-अनिल सामंत एवं किरन सेठिया/ सड़क अतरिया- दामोदर वैष्णव / डोंगरगढ़-प्रकाश अग्रवाल। शासकीय विद्यालयों (government schools)की हालत सुधारने एक ओर करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर लैब की हालत ऐसी है कि उन्हें देखकर एक बार खंडहर का भ्रम हो जाए। माध्यमिक शिक्षा मंडल (board of secondary education)जनवरी माह से दसवीं और बारहवीं की प्रायोगिक परीक्षाएं लेने की तैयारी में है। जो हालत सरकारी स्कूलों (schools)के लंब की है, उसे देखकर यहां अध्ययनरत छात्रों के यह टॉपर बनने का सपना पूर्ण होना मुश्किल नजर आ रहा है। हरिभूमि की टीम (Haribhoomi team)ने प्रदेश के सभी जिलों के शासकीय विद्यालयों के लैब का जायजा लिया। जानिए कहां कितने रसातल में हैं लैब।

ऐसे भूतिया हाल कि परीक्षा से पहले ही डर जाएं छात्र

रायपुर प्रदेश दूरस्थ क्षेत्रों की बात छोड़िए, राजधानी रायपुर में भी हाल विशेष रूप से अच्छे नहीं है। रविवि परिसर स्थित शासकीय विद्यालयों में लैब सामग्री कबाड़ के ढेर की तरह पड़ी नजर आई। मठपुरैना स्थित शासकीय विद्यालय में लैब सामग्री पर धूल की मोटी परत चढ़ी रही। व्यवस्था ऐसी को यहां अकेले जाने में ही छात्र डर जाए। चंगोरामाठा के शासकीय विद्यालय में परखनली सहित कई बेसिक टूल्स टूटे-फूटे नजर आए। कांव के टुकड़े भी पड़ रहे। मतलब पहले दुर्घटना से बचिए, फिर प्रैक्टिकल कीजिए। कुछ बड़े स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर में इससे मिलते-जुलते हालात ही रहे।

प्रयोगशाला में 11वीं की कक्षा, लैब कबाड़खाने में

मैनपुर। गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के सभी 12 शासकीय उमा शाला में प्रयोगशाला होने का दावा विभाग द्वारा किया जाता है। तहसील मुख्यालय स्थित स्कूल में प्रयोगशाला भवन का निर्माण 3 वर्ष पहले किया गया, लेकिन कमरों की कमी के चलते इस प्रयोगशाला में कक्षा ग्यारहवीं की छात्र छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। उपकरण कबाड़खाने में पड़े हुए है। औपचारिकता पूरी करने इन्हें कभी-कभी डिब्बे से निकाला जाता है। अन्य विद्यालयों में भी उपकरण नहीं के बराबर है।

लैब के अभाव में विज्ञान संकाय ही बंद

बस्तर। बस्तर जिले के बिल्लारी, धनपूंजी, बड़ेमुरमा में बच्चों को फिजिक्स, केमेस्ट्री, बॉटनी और जू-लॉजी विषय के लिए प्रयोगशाला का अभाव बना हुआ है। बस्तर नगर पंचायत मुख्यालय के शासकीय हायर सेकेंडरी ओल्ड स्कूल में प्रयोगशाला के अभाव में साइंस विषय को ही बंद कर दिया गया। पुराने हायर सेकेंडरी स्कूल आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में तब्दील कर दिया गया। स्कूल के एक शिक्षक ने बताया वे 2008 से यहां पदस्थ है, तब से स्कूल में साइंस के शिक्षक ही नहीं है, इसलिए साइस विषय को बंद कर दिया गया। 12वीं में अध्ययनरत साइंस के अंतिम बैच को 10वीं की शिक्षिका बगैर कक्ष के प्रैक्टिकल सीखा रही हैं।

बक्से में बंद लैब

धुर्वागुड़ी। दुरस्त वनांचल क्षेत्र में स्थित स्थित स्कूलों स्कूलों की स्थिति और अधिक खराब है। धुर्वागुड़ी के शासकीय विद्यालय में प्रयोगशाला भवन नहीं होने के कारण लैब सामग्री को बक्से में रखा गया है। जब कभी प्रयोगशाला के संबंध में बच्चों को कोई जानकारी देनी होती है, तब सामान को बाहर निकाला जाता है। अमलीपदर, उरमाल,मुडगेलमाल, मुचबहाल के शासकीय विद्यालयों में भी संबंधित सामग्री का अभाव बना हुआ है।

दो साल से सामान खरीदी नहीं

छुईखदान। शासकीय हाईस्कूल खैरबना में बीते दो साल से विभाग द्वारा कुछ भी प्रायोगिक सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है। यहां बताया गया कि कोर्स के लिए संयुक्त सूक्ष्मदशीं, ग्लास लैब, प्लेन दर्पण, इलेक्ट्रानिक बैलेंस, जनरल डायोड़ जैसी कुछ सामग्री की तुरंत आवश्यकता है। कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां प्रयोग कक्ष तो बना हुआ है, लेकिन सामग्री के आभाव में प्रायोगिक कार्य नहीं कराया जा रहा है। केवल औपचारिकता निभाई जा रही है।

अपडेट होने चाहिए

रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारती ने बताया कि,स्कूली लैब अपडेट रहने चाहिए। सत्र प्रारंभ होने के साथ ही प्रायोगिक कार्य कराए जाने संबंधित निर्देश स्कूलों के लिए जारी किए गए हैं। यदि कहीं इसका पालन नहीं हो रहा है अथवा अव्यवस्था है तो हम निरीक्षण करेंगे।

भेजते हैं जानकारी

मैनपुर के विकास खंड शिक्षा अधिकारी ऋद्रशेखर मिश्रा ने कहा कि,जिन स्कूलों में प्रयोगशाला संबंधी सामग्री का अभाव बना हुआ है वहां प्रयोगशाला सामग्री के लिए मांग किया जाएगा उन्होंने बताया समय-समय पर विभाग द्वारा इसकी जानकारी भेजी जाती है।

केवल औपचारिकता

सड़क अतरिया। वहीं दाऊ गुलाब दास वैष्णव उच्चतर माध्यमिक शाला सड़क अतरिया में कक्षा 12 वीं 60 एवं दसवी में 74 छात्र अध्ययनरत है। यहां भी इस साल प्रयोग की कोई सामग्री विभाग से नहीं पहुंची है। शेष पुरानी सामग्री तथा स्कूल फंड़ से कुछ आवश्यक सामग्री खरीदकर छात्रों का प्रायोगिक कक्षा लगाया जा रहा है।

डोंगरगढ़ : अलमारी में भरे गए हैं उपकरण कई स्कूलों में लैब कक्ष नहीं है। कुछ स्कूलों में अलमारी में चीजें भरकर रखी गई हैं। शासकीय उच्चतर कन्या माध्यमिक शाला के जिस कमरे में इंस्ट्रूमेंट हैं, वहां मरम्मत के अभाव में दरवाजा खोलते ही छत से चीजें गिरने लगती हैं। जीव-जंतु से जुड़ी कई सामग्री साल-2 साल में खराब हो जाते हैं। इस वर्ष इनकी स्कूलों में सप्लाई नहीं हुई है।

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