Education : सुरक्षा छोड़िए... यहां शिकायत पेटी तक नहीं, परेशानी है तो अपने स्तर पर जूझिए

- गुरुवार को स्कूल के समीप छेड़खानी का शिकार हुई थी दसवीं कक्षा की छात्रा
- शासकीय विद्यालयों में सुरक्षा के सिर्फ वादे, बच्चियों के लिए शिकायत की भी व्यवस्था नहीं
रायपुर। गुरुवार को एक स्कूली छात्रा (schoolgirl )विद्यालय के समीप ही छेड़खानी का शिकार हो गई। छात्रा की शिकायत पर कार्रवाई हुई और अपराधी को गिरफ्तार भी कर लिया गया। लेकिन यह सिर्फ एक अपवाद है। अधिकतर स्कूलों( schools)में विद्यार्थियों (students)के लिए शिकायत पेटी तक भी व्यवस्था नहीं है। यदि छात्रों को शाला प्रबंधन अथवा व्यक्ति विशेष से कोई समस्या है, वे अपने अभिभावकों से चीजें साझा नहीं कर पा ना रहे हैं तो उनके पास कोई विकल्प नहीं है, जिसके माध्यम से वे अपनी बातें पहुंचा सकें। गुरुवार को हुई घटना के बाद हरिभूमि ने शहर के शासकीय स्कूलों का जायजा लिया।
अधिकतर स्कूलों में शिकायत पेटी गायब ही मिली। इसलिए व्यवस्थाः स्कूलों में शिकायत पेटी होना अनिवार्य है। इसे समय-समय पर खोले जाने का भी प्रावधान है। इसमें डली हुई शिकायतों का सामधान स्कूलों को करना होता है। शिकायत पेटी में प्रत्येक तरह की समस्याएं छात्र साझा कर सकते हैं। हालांकि इसके पीछे मुख्य मकसद छेड़छाड़ अथवा इस तरह की समस्याओं का निराकरण है। अधिकतर विद्यार्थी इससे संबंधित बातें किसी से साझा नहीं कर पाते हैं, ऐसे में उन्हें इसके माध्यम से अपनी समस्याएं साझा करने का जरिया मिल जाता है।
केस - 1
सेजबहार स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिकायत पेटी गायब मिली। मुख्य द्वार, कार्यालय अथवा प्राचार्य कक्ष के समीप यह पेटी नजर ही नहीं आई।
केस - 2
शासकीय हाईस्कूल डूंडा में भी यही नजारे रहे। शिकायत पेटी हरिभूमि की टीम को नहीं मिली। किसी तरह की समस्या होने पर छात्र कहां जाएंगे, इसकी कोई व्यवस्था नहीं है।
केस - 3
संतोषी नगर, संजय नगर, मठपुरैना, भाठागांव के शासकीय विद्यालयों में शिकायत पेटी नजर आई, जबकि यहां बड़ी संख्या में छात्राएं अध्ययनरत हैं विद्यालय की कुछ छात्राओं से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस तरह की कोई सुविधा उन्हें अब तक प्रदान नहीं की गई है और ना ही उन्हें इसकी जानकारी है।
केस - 4
शहर के भीतर जिन स्कूलों में शिकायत पेटी लगाई गई है, वहां भी इनकी हालत बहुत खराब मिली। ताले जंक लगे हुए थे और डिब्बे भी जर्जर स्थिति में पहुंच चुके थे। जिसे देखकर स्पष्ट था कि इन्हें सालों से खोला ही नहीं गया है। अर्थात यदि किसी छात्रा ने कोई शिकायत की भी होगी, तो उसका कोई निराकरण नहीं हुआ।
संज्ञान में लेंगे
रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारती ने बताया कि,जिस किसी स्कूल में शिकायत पेटी नहीं लगी है, है, वहां निर्देशित करेगे। सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक शासकीय विद्यालयों में इसकी व्यवस्था हो।
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