ख़बर का असर: मानसिक रोगी बेटे के साथ सड़क पर रातें काट रही बेबस मां को मिली छत

रायपुर: राजधानी की सड़क पर अपने दिन और रात गुजार रही बेबस मां और उसके मानसिक विक्षिप्त बेटे को आखिरकार रविवार को छत मिल ही गई। अब उसकी जिंदगी समाज कल्याण विभाग संवारेगा। शंकरनगर स्थित भिक्षुक निवास में मां-बेटे का रखा गया है। रविवार को दोनों को साफ-सुथरे कपड़े पहनने को दिए गए। अब सोमवार से मानसिक विक्षिप्त बेटे के इलाज का इंतजाम किया जाएगा। दरअसल हरिभूमि ने मानसिक विक्षिप्त मोनू पाल के हाथ बांधकर रखने की खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद समाज कल्याण विभाग ने संज्ञान लिया और उसे अपने आश्रय गृह रखकर इलाज कराने का फैसला लिया, जिसके बाद एंबुलेंस की मदद से उन्हें भिक्षुक निवास पहुंचाया गया।
चार महीने से बेटा मानसिक विक्षिप्त
दरअसल उरला निवासी सावित्री पाल के बेटे मोनू की चार महीने से मानसिक हालत ठीक नहीं है। वह अपनी झोपड़ी में तोड़फोड़, रात के समय बीच सड़क पर सो जाने और खुद का शरीर नोंचने जैसी हरकतें करता था। सावित्री ने डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने पागलखाने ले जाने की सलाह दी। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। पैसे के अभाव में बेटे का इलाज बंद हो गया था।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS