चुनाव करीब, वेबसाइट्स पर खुफिया नजर : फेक न्यूज, भड़काऊ पोस्ट्स पर नजर रखेगी पुलिस की मानिटरिंग सेल

रायपुर। वर्तमान में सोशल मीडिया का जीवन में बहुत प्रभाव है। कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म में देखा गया है कि इन पर दिखाए गए आपत्तिजनक पोस्ट से कानून-व्यवस्था अलग ही मोड़ ले लेती है। इन सब पर रोक लगाने के लिए मॉनिटरिंग सेल का गठन करने के लिए सभी जिलों में निर्देश जारी कर दिया गया है।छत्तीसगढ़ में आने वाले चुनावी माहौल के बीच हिंसा भड़काई जा सकती है। सोशल मीडिया पर चुनाव को लेकर फेंक न्यूज़ और भड़काऊ और विवादित ,झूठे अफवाहों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म की साइट पर पोस्ट करने वालों पर मॉनिटरिंग सेल बनाकर उनपर कड़ी निगरानी कर कार्यवाही की जाएंगी।
दरअसल चुनावों के समय पर सोशल साइटों का इस्तेमाल कर लोगों को झूठे अफवाहों और फेक न्यूज़ से भड़काया जाता हैं। जिससे प्रदेश की शांति को भंग किया जाता हैं। चुनाव के दौरान सोशल साइडो का इस्तेमाल कर आमजन में गलत सूचना पंहुचा कर उनके बीच अहिंसा और आक्रोश फैला जाता हैं। इन सभी पर ब्रेक लगाने के लिए सभी जिलों के SSP को सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को गठित कर उनपर निगरानी करने का आदेश जारी कर दिया गया हैं।
सोशल मीडिया की हर पोस्ट पर होगी इंटेलिजेंस विभाग की नजर
बता दें कि ,ऐसी सुचना खूफिया इनपुट इंटेलिजेंस विभाग को मिली हैं।जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों के SSP को सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल बनाने को कहा गया है। पुलिस हेडक्वॉर्टर की स्पेशल ब्रांच ने पाया है कि सोशल मीडिया के जरिए प्रदेश में हिंसा भड़काने के प्रयास हो सकते हैं। इस वजह से सोशल मीडिया की हर पोस्ट पर नजर रखने के लिए सेल बनाई जा रही है।
भड़काऊ पोस्ट पर ग्रुप एडमिन के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाही
इंटेलिजेंस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मॉनिटरिंग सेल में पुलिस महकमे के लोग होंगे, जो लगातार सोशल मीडिया पर नजर रखेंगे। सभी जिलों में सार्वजनिक छवि रखने वाले नेताओं, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की पोस्ट पर नजर रखी जाएगी। व्हाट्सएप ग्रुप के संबंध में भी सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल जानकारी लेगी। किसी भी तरह के भड़काऊ पोस्ट, तस्वीर वायरल होने पर ग्रुप के एडमिन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी।
सभी जिलों में आदेश जारी
पुलिस मुख्यालय के इंटेलिजेंस के आईजी रैंक के अधिकारी की ओर से एक आदेश भी जारी किया गया है। प्रदेश के सभी जिलों के SSP और SP को यह आदेश भेजा गया है। आदेश में यह लिखा गया है कि कई प्रकरणों में देखा जा चुका है कि सोशल मीडिया में प्रचारित अफवाहों या आपत्तिजनक पोस्ट से कानून व्यवस्था के विपरीत परिस्थितियां निर्मित हुई है। इसलिए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग किया जाना आवश्यक है।
पोस्ट की सूचना देने वालों की पहचान रहेगी गुप्त
आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया में होने वाले आपत्तिजनक पोस्ट जिससे सांप्रदायिक या सामाजिक तनाव पैदा होने की संभावना हो तो ऐसे पोस्ट अथवा फेक न्यूज़ जिससे क्षेत्र की शांति भंग होने की संभावना हो इनकी मॉनिटरिंग की जाएगी।आपत्तिजनक पोस्ट की सूचना जानकारी देने वाले की पहचान को गुप्त रखा जाएगा और ऐसे पोस्ट सर्कुलेट करने वाले पेज प्रोफाइल व्हाट्सएप ग्रुप के ऑपरेटर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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