छत्तीसगढ़ में बिजली का नहीं होगा निजीकरण

छत्तीसगढ़ में बिजली का नहीं होगा निजीकरण
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बिजली कर्मचारी संघों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रोक लगाने का किया था आग्रह, प्रदेश सरकार की तरफ से पाॅवर कंपनी के अध्यक्ष अंकित आनंद ने दिया जवाब

रायपुर. प्रदेश सरकार की तरफ से छत्तीसगढ़ राज्य पाॅवर कंपनी के अध्यक्ष अंकित आनंद ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में बिजली का निजीकरण नहीं किया जा रहा है। बलौदाबाजार को फ्रेंचाइजी में देने की कंपनी की कोई योजना नहीं है। एक दिन पहले ही पाॅवर कंपनी के कुछ कर्मचारी संघों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल काे पत्र लिखकर आग्रह किया था कि बिजली के निजीकरण को मंजूरी न दी जाए।

पाॅवर कंपनी के अध्यक्ष अंकित आनंद ने शनिवार को एक बयान जारी करके कहा, प्रदेश की विद्युत प्रणाली से संबंधित सभी काम छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनीज द्वारा किया जाता है। पाॅवर कंपनीज छत्तीसगढ़ राज्य शासन के अधीन प्रदेश के उपभोक्ताओं के हित संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। स्टेट पाॅवर जनरेशन, ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के कामों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। ऐसी कंपनियों के निजीकरण जैसा कोई भी प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। उन्होंने कहा, बलौदा बाजार सहित प्रदेश के किसी भी क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था संबंधी कार्यों को फ्रेंचाइजी (निजी हाथों) पर देने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

संघों ने लिखा था मुख्यमंत्री को पत्र

छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल अभियंता संघ, विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन, विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन, विद्युत कर्मचारी संघ महासंघ, पत्रोपाधि अभियंता संघ के पदाधिकारियों सहित पीएन सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश में निजीकरण को मंजूरी न देने की मांग की थी। इसी के साथ उनको बताया था, उत्तरप्रदेश में पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के निजीकरण के प्रयास को वापस ले लिया गया। चंडीगढ़ की विद्युत वितरण व्यवस्था को भी निजी हाथों में सौंपने का प्रस्ताव निविदा निकालने के बाद वापस हो गया है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश के उज्जैन, देवास, सागर, ग्वालियर में फ्रेंचाइजी का प्रयोग असफल हो गया तथा वहां की व्यवस्था पुनः शासन के वितरण कंपनी को संभालनी पड़ी। महाराष्ट्र में नागपुर, अमरावती, भुसावल, औरंगाबाद में भी फ्रेंचाइजी का प्रयोग असफल हो चुका है। बिहार में भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर में भी यह प्रयोग पूर्ण रूप से असफल हो गया है। ऐेसे में प्रदेश में इस तरह का प्रयोग करना सही नहीं होगा।

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