धान खरीदी केंद्र में घुसे हाथी, मचाया उत्पात, स्टेक लगा रहे मजदूरों में फैली दहशत

धान खरीदी केंद्र में घुसे हाथी, मचाया उत्पात, स्टेक लगा रहे मजदूरों में फैली दहशत
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धान खरीदी केंद्र में स्टेक लगा रहे मजदूरों में दहशत फैल गई जब अपने पास उन्होंने एक हाथी को मजे से विचरण करते देखा। दंतैल को देख मजदूरों में हडकंप मच गया। एक हाथी खरीदी केंद्र के अंदर घुस अंदर रखे धान को खाने लगा। ग्रामीणों ने मशाल जलाकर हाथियों को भगाने की कोशिश की। हाथियों ने फुसेराडीह में भी चार किसान के ब्यारा में घुसकर धान खाया। पढ़िए पूरी ख़बर...

महासमुंद: हाथियों के दल ने एक बार फिर से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। हाथियों का दल सोमवार रात में 8 बजे के आसपास ग्राम लहंगर के खरीदी केंद्र के करीब देखा गया। पांच हाथियों के दल में से सिर्फ एक हाथी खरीदी केंद्र के अंदर घुस पाया। बाकी के चार दंतैल अंदर नहीं घुसे। वहीं खरीदी केंद्र में घुसे दंतैल को देखकर वहां स्टेक लगा रह मजदूरों में दहशत फैल गई। हाथी अंदर रखे धान को खाने लगा। ग्रामीणों ने मशाल जलाकर दंतैल को खदेड़ा। वहां से निकलकर दंतैल गांव के चैतराम ध्रुव की बाड़ी में घुसकर गन्ना खाया और वहां से निकलकर भानसिंह दीवान के बाड़ी में पहुंचकर सब्जी को नुकसान पहुंचाया। जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा जैसे-तैसे दंतैल को भगाया गया।

वहीं पांच दंतैलो में से चार दंतैल रात्रि करीब 11 बजे ग्राम फुसेराडीह पहुंच गए। वहां पहुंचकर हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। गांव के जगन्नाथ दीवान के घर की दीवार को तोड़ दिया। उसके बाद उसके घर के आंगन में पहुंच गए। आंगन में रखे धान को खाकर किसान को नुकसान पहुंचाया। उसके बाद वन अमले ने ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों को खदेड़ा।

उपज और फसल को पहुंचा रहे नुकसान

हाथियों का दल एक बार फिर से जिले में सक्रिय होने के कारण आसपास के क्षेत्र में दहशत का माहौल है। वहीं हाथियों के द्वारा लगातार किसानों के उपज को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिसके कारण जिले के किसान काफी चिंतित हैं। दंतैलों के द्वारा पहले घोंघीबाहरा में एक किसान के उपज को नुकसान पहुंचाया गया। उसके बाद ग्राम फुसेराडीह में एक किसान के घर आंगन में घुसकर रखे धान को खाकर नुकसान पहुंचाया है।

ग्रामीण वन विभाग से नाखुश

ग्रामीणों की माने तो वे विभागीय तैयारियों से नाखुश हैं। हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति क संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि विभाग द्वारा लगाए गए हाथी गस्त दल से ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। वन विभाग को हाथियों को लोकेशन ग्रामीणों के द्वारा बताने पर वहां पहुंचती है। पहले से उनकी तरफ से कोई तैयारी नहीं दिखाई जाती है। आगे उन्होंने कहा कि हाथियों को खदेड़ने में गस्त दल से ज्यादा ग्रामीणों की भूमिका रहती है।

दो दलों में देखे गए दंतैल

सोमवार रात को दंतैलों को दो भाग में देखा गया है। पांच दंतैल लहंगर पहुंचने के बाद वहां से एक दंतैल अलग विचरण कर रहा है। एक दंतैल को आखिरी बार लहंगर के जंगलों में जाते हुए देखा गया। वहीं सोमवार रात चार हाथियों को ग्राम फुसेराडीह से खदेड़ने के बाद उनको नहीं देखा गया है। संभावना जताई जा रही है कि चारो हाथी जिले के सीमा में विचरण कर रहे हैं।

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