हड़ताल खत्म करने पर भड़के कर्मचारी : फेडरेशन प्रमुख कमल वर्मा पर लगाए धोखा देने और गद्दारी के आरोप, फेडरेशन भंग करने की मांग भी

हड़ताल खत्म करने पर भड़के कर्मचारी : फेडरेशन प्रमुख कमल वर्मा पर लगाए धोखा देने और गद्दारी के आरोप, फेडरेशन भंग करने की मांग भी
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हड़ताल स्थगित करने पर कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। अलग-अलग संगठनों के कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश प्रमुख कमल वर्मा का विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों ने कमल वर्मा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धोखा देने और गद्दारी का आरोप लगाया है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अधिकारी-कर्मचारियों की पिछले करीब 12 दिनों से जारी हड़ताल खात्म कर दिया गया है। वहीं हड़ताल स्थगित करने पर कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। अलग-अलग संगठनों के कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश प्रमुख कमल वर्मा का विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों ने कमल वर्मा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धोखा देने और गद्दारी का आरोप लगाया है। सरगुजा और कवर्धा जिलों से ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें कर्मचारी कमल वर्मा को जूते मारने, दलाल कहने, पद से हटाने, फेडरेशन को भंग करने जैसी बातें कर रहे हैं।

लाखों कर्मचारियों-अधिकारियों के साथ धोखा

कर्मचारी नेता और शिक्षक एलबी संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने अचानक आंदोलन के खत्म होने पर कहा कि फेडरेशन के टॉप लीडर कमल वर्मा सहित उनके कोर कमेटी के सदस्यों ने राज्य के साढ़े चार लाख कर्मचारियों-अधिकारियों के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि फेडरेशन के प्रदेश स्तरीय बैठक में यह कहा गया था कि 12 प्रतिशत डीए और एचआरए के मांग पूर्ति के बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा। लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया, जिसके कारण आंदोलन समाप्त कर दिया गया।

अचानक हड़ताल खत्म होने से कर्मचारी परेशान

वहीं छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता और किराया भत्ता देने की मांग के तहत पिछले महीने 5 दिनों का आंदोलन हुआ था, तब सरकार ने 6 प्रतिशत भत्ता जारी किया था। इस हड़ताल को खत्म करते हुए कोई स्पष्ट स्थिति नहीं बनी कि बाकि का 6 प्रतिशत कब और कैसे मिलेगा। अब अचानक इस हड़ताल को खत्म करने का बयान फेडरेशन के नेताओं ने दे दिया। इससे कर्मचारी परेशान हैं, कहीं भी इस हड़ताल के स्थगन पर कर्मचारी खुशी मनाते नहीं दिखे, हर जगह विरोध किया जा रहा है।

कमल वर्मा ने कहा - सरकार ने भत्ते को लेकर सुझाव स्वीकार किए

विरोध के बीच कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा कि हमें इस बात का दुख है कि आंदोलन की वजह से जनता को परेशानी हुई। मैं जनता से माफी मांगता हूं, स्कूल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई। हमारे पास आंदोलन के अलावा चारा नहीं था। 2019 के बाद से हम सीएम भूपेश बघेल के संपर्क में रहे, संवादहीनता नहीं रही। कोरोना काल में शहीद कर्मचारियों की अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को उन्होंने पूरा किया कई कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी मिली। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री की अपील आई कि आम लोगों को परेशानी, स्कूल में पढ़ाई प्रभावित हो रही है, लौट आइए। इस अपील को स्वीकार करते हुए कोर कमेटी का फैसला है कि हम इस आंदोलन को स्थगित करते हैं, क्योंकि हमारे और सरकार के बीच समझौता हुआ, अब इस पर क्रियान्वयन होना है यदि सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती तो आगे भी आंदोलन का रास्ता खुला रहेगा। सरकार ने भत्ते को लेकर हमारे सुझाव स्वीकार किए हैं।

कर्मचारियों का 4 सितंबर को रायपुर में बैठक

कर्मचारी नेता जाकेश साहू ने बताया कि रविवार 4 सितंबर को राजधानी रायपुर के कलेक्ट्रेट गार्डन में बैठक रखी गई है। प्रदेश भर के समस्त 104 संगठनों के जिलाध्यक्ष, जिला संयोजक, प्रदेश के 146 विकास खंडों के फेडरेशन के विकासखंड संयोजक, ब्लॉक अध्यक्ष, सचिव और सभी पदाधिकारियों से हमने अपील की है कि 27 जिलों और 46 विकासखंडों से लोगों को बुलाया गया है। हम हड़ताल समाप्ति के मुद्दे पर विरोध जताने और आगे की रणनीति तय करने जुट रहे हैं।

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