कर्मचारी संगठन मायूस, एक दिन से ज्यादा धरना प्रदर्शन की नहीं मिल रही अनुमति

रायपुर: राजधानी रायपुर में अपनी लंबित मांगों को लेकर हक की आवाज बुलंद करने वाले कर्मचारी संगठन शहर में एक दिन से ज्यादा धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने से नाराज हैं। उनका कहना है, जिला प्रशासन से इसकी अनुमति के लिए आवेदन किया है, पर पुलित बल की कमी बताते हुए उनकी अर्जी नामंजूर की जा रही है। बड़ी मुश्किल से एक दिन का धरना प्रदर्शन करने की अनुमति दे रहे हैं, जबकि जिलास्तर पर उन्हें बेमियादी धरना प्रदर्शन की अनुमति है।
5 दिन के धरना प्रदर्शन की मिली थी अनुमति
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया, जिला प्रशासन से हमने नियमितीकरण की मांग को लेकर राजधानी में 5 दिनों तक धरना प्रदर्शन के लिए अनुमति ली थी, पर बाद हमसे कहा गया कि राजधानी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच का आयोजन होना है, जिसमें बड़ी संख्या में पुलिस बल की जरूरत पड़ेगी। गुढ़ियारी में धार्मिक आयोजन में भी पुलिस बल की डयूटी का हवाला देते हुए धरनास्थल के सुरक्षा बल की कमी बताते हुए केवल 20 जनवरी को प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन की अनुमति दी गई है, जबकि 54 विभागों के 45 हजार संविदा कर्मचारी शासन प्रशासन को अपनी लंबित मांग के प्रति ध्यान आकर्षित कराने 5 दिन के धरना प्रदर्शन करने जुटने वाले थे। राजधानी में 5 दिन की अनुमति नहीं मिलने से जिला स्तर पर प्रदर्शन कर अपने हक की आवाज बुलंद कर रहे हैं। गुरुवार को संविदा कर्मचारियों ने आंदोलन के चौथे दिन जिला मुख्यालयों में रैली निकालकर नियमितीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 23 से करेंगे प्रदर्शन
प्रदेशभर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका अपनी लंबित मांग को लेकर 5 दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन करेंगे। छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया, 23 से 27 जनवरी तक संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन करेंगे।
प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत 41 हजार अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी 1 सूत्रीय मांग को लेकर 23 जनवरी को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने राजधानी में जुटेंगे। 12 साल से काम कर रहे अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी 2300 रुपए मासिक मानदेय पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है, यदि 26 जनवरी तक उन्हें पूर्णकालिक कर्मचारी घोषित नहीं किया गया, तो फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने बाध्य होंगे। इसी तरह प्रदेशभर के 15 हजार जन स्वास्थ्य रक्षक फरवरी में एक दिवसीय प्रदर्शन कर सेवा में बहाली की मांग कर शासन का ध्यान आकर्षित करने राजधानी में जुटने वाले हैं।
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