महामारी पर आस्था भारी, मास्क लगाए अर्ध्य देते नजर आयीं छठ व्रती

कोरिया। लोक आस्था का महापर्व कोरिया जिले में बड़े धूमधाम से मनाया गया। महामारी पर लोक आस्था भारी पड़ती हुई देखी गयी। कोविड नियमो का पालन करते हुए छठ व्रती सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए डूबते सूर्य को अर्ध्य देते नजर आईं। छठ व्रतियों ने मास्क पहनकर डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया। आज छठ पर्व का तीसरा दिन है। कल उगते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद 4 दिनों तक चलने वाले छठ पर्व का समापन होगा। जिले के मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, बैकुंठपुर, चरचा, जनकपुर समेत सभी जगहों पर उत्तर भारतीयों ने बड़े धूम्रपान से छठ पर्व मनाया गया।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को छठ पूजा का अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है। 21 नवंबर को सूर्योदय का अर्घ्य दिया जाएगा। उगते सूरज के अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त सुबह 06:49 बजे है। इसके बाद पारण कर इस व्रत को पूरा किया जाता है। सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए। गिरते जल की धारा में सूर्यदेव के दर्शन कराना चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों को संतान न हो रही हो या संतान होकर बार बार समाप्त हो जाती हो ऐसे लोगों को इस व्रत से अदभुत लाभ होता है। अगर संतान पक्ष से कष्ट हो तो भी ये व्रत लाभदायक होता है। अगर कुष्ठ रोग या पाचन तंत्र की गंभीर समस्या हो तो भी इस व्रत को रखना शुभ होता है, जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब हो अथवा राज्य पक्ष से समस्या हो ऐसे लोगों को भी इस व्रत को जरूर रखना चाहिए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS