फर्जी दाखिले का भंडाफोड़ : बच्चों का एडमिशन स्वामी आत्मानन्द स्कूल में कराया, जानिए सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़े का खुलासा कैसे हुआ...

गरियाबंद- मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में अंकसूची और फर्जी टीसी बनाकर 5 स्कूली बच्चों का एडमिशन करा दिया गया। इतना बड़ा फर्जीवाड़ा होने के बावजूद एक साल तक बच्चें स्कूल में पढ़ाई करते रहे और किसी ने आपत्ति नहीं जताई। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में गलत तरीके से ट्रान्सफर सर्टिफिकेट स्कूल में एंट्री दे दी गई और स्कूल प्रबंधन को इस बात की खबर तक नहीं लगी।
कोचिंग सेंटर संचालक का नाम सामने आया...
इस पूरे मामले में नीलम साहू का नाम सामने आया है। जो कोचिंग सेंटर का चलाता है और कोचिंग चलाने के साथ बच्चों का फर्जी मार्कशीट-टीसी बनाने का कार्य भी कर देता है। बता दें, फर्जी मार्कशीट और टीसी में आरंग के एक निजी स्कूल का नाम का यूज करके बच्चों का एडमिशन करा देता है। जबकि इन बच्चों का उस स्कूल से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल, ना यह बच्चे वहां पढ़े हैं और न ही वो असली सर्टिफिकेट है।
पालकों ने इस बात की सूचना दी थी...फिर क्यों एक्शन लेने में लगी देर...
खास बात यह है कि, इस मामले में पालकों ने प्राचार्य संजय एक्का को बच्चों के दाखिले में फर्जीवाड़े को लेकर जानकारी दी थी। लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। जब यह पूरा मामला मीडिया के सामने आया, तब जाकर आनन-फानन में कार्रवाई की बात कहकर जांच समिति बनाई गई। इतना कुछ होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी डी. एस. चौहान ने कार्रवाई करने के आदेश तो दे दिए है। लेकिन सवाल यह उठता है कि, क्या सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा किए जाने वालों पर शासन-प्रशासन जल्दा से जल्द कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
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