फर्जी कॉल सेंटर: गूगल पर नंबर सर्च करने पर ठग ऐंठते थे लाखों रुपए, पांच गिरफ्तार

रायपुर। रायपुर पुलिस ने ठगी के मामले में बंगाल के दुर्गापुर से 5 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। कस्टमर केयर के सदस्य बनकर रायपुर के 4 लोगों से 19 लाख 54 हजार की ठगी की थी। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरु कर दी और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल रायपुर के लोग लगातार अलग-अलग थानों में गूगल कस्टमर केयर नंबर सर्च किए जाने से ठगे जाने की शिकायत पुलिस में कर रहे थे। इनमें से सुदर्शन जैन ने पंडरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और बताया कि बैंक से रजिस्टर मोबाइल नंबर बदलने के लिए कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च किया। जो नंबर मिला उस पर बातचीत हुई उसने पे सपोर्ट नाम के एक ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा। एप डाउनलोड करने के बाद खाते से 14 लाख रुपए निकाल लिए गए।
इसी तरह की एक और शिकायत पंडरी इलाके के कारोबारी सुभाष चंद्र जैन ने भी की। उनके खाते से भी 1 लाख 42000 निकाल लिए गए, रायपुर की रहने वाली संध्या काबरा के खाते से भी इसी तरह से 2 लाख 12000 निकाल लिए गए। रायपुर के केदार प्रधान के खाते से भी लाखों रुपए की ठगी हो गई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। फिर फोन नंबर और खातों की जानकारी को ट्रेस किया। ठगों के लोकेशन की जानकारी ढूंढी। ठग छुपकर फर्जी नंबरों के जरिए पूरे कांड को अंजाम दे रहे थे। जिन लोगों के खातों पर रुपए ट्रांसफर हुए और जिन नंबर से लोगों को ठगने के लिए फोन किया गया वह नंबर किसी और के नाम से रजिस्टर थे।
पुलिस ने बंगाल से किया आरोपियों को गिरफ्तार
पुलिस ने अलग-अलग लोगों से पूछताछ की और उस मकान का पता लगाया जहां ठग छुपे हुए थे। फिर को उनके बंगाल के दुर्गापुर में होने की सूचना मिली जिसके बाद वहां के एक मकान में छापा मारकर पुलिस ने 5 युवकों को गिरफ्तार किया और छत्तीसगढ़ ले आए। गिरफ्तार किए गए युवकों में एमडी आलम, दिनेश राय, प्रकाश राज, महेंद्र सिंह और रोहित कुमार यादव शामिल हैं। ये झारखंड के देवघर और जामताड़ा के रहने वाले हैं और इस तरह से लोगों को ठगने का काम काफी समय से कर रहे थे।
अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड मिले
उस मकान की तलाशी लेने पर पुलिस को उनके कब्जे से 16 मोबाइल फोन और अलग-अलग कंपनियों की 151 सिम कार्ड मिले। अलग-अलग बैंकों के 11 एटीएम कार्ड भी इनके पास से मिले, जिसका इस्तेमाल यह ठगी की रकम को निकालने में करते थे।

ऐसे करते थे ठगी
दरअसल जब भी लोगों को किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस में कोई समस्या आती है तो लोग कस्टमर केयर पर कॉल करने के लिए उनके नंबर गूगल पर सर्च करते हैं। ऐसे में कुछ ठग इस बात का फायदा उठाते हैं और गूगल पर कंपनियों के नाम के साथ अपने फर्जी नंबर डाल देते हैं। सर्च करने पर लोगों को इनका फर्जी नंबर डिस्प्ले हो जाता है और उनसे कॉल पर बात करने पर ठग उन्हें अपनी जाल में फंसा लेते हैं और फिर लोगों के खातों से पैसे निकाल लेते हैं।
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