परिवार ने मांगी इच्छा मृत्यु, जानलेवा हमला मामले में पुलिस की मामूली कार्रवाई से असंतोष

धरसींवा। बीते दिनों धरसींवा में एक संगीन वारदात हुई, जिसमें मासूम बेटी के साथ टहल रहे पिता पर एक शराबी प्राणघात हमला कर मृत्यु के कगार पर छोड़ कर भाग गया था। परिजनों ने घायल को रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था, जिससे उसकी जान तो बच गई। लेकिन धरसींवा पुलिस पर आरोप है कि बेरुखी औऱ लापरवाही के चलते मामूली धारा के तहत खाना पूर्ति कार्रवाई करते हुए आरोपी को छोड़ दिया गया, जिससे व्यथित परिवार ने मुख्यमंत्री, कलेक्टर औऱ स्थानीय विधायक से न्याय की गुहार लगाई है अन्यथा पूरे परिवार को इच्छा मृत्यु देने की मांग की है। वहीं इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
क्या है मामला
धरसींवा स्थित साई सदन निवासी हेमंत कुमार कश्यप पिता कार्तिक कश्यप उम्र 38 वर्ष 18 अगस्त की रात 10 बजे अपनी मासूम बेटी के साथ घर के बाहर टहल रहे थे। वहां पर धरसींवा निवासी अभिनव गिलहरे अपनी कार के बाहर शराब पी रहा था। तभी अचानक अभिनव गिलहरे ने शराब की बोतल उठाकर पिता और बेटी के पर हमला कर दिया और मासूम के सामने ही पिता पर ताबड़तोड़ शराब की बोतल को सिर व गर्दन पर कई वार किये। हमले में हेमंत लहूलुहान होकर बदहवास हो कर गिर गया, जिसे परिवार वालों ने रायपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया, घायल हेमंत कश्यप के गर्दन व गले में 29 टांके लगे थे।
आरोप है कि इस हृदयविदारक घटना के बाद जब मामला धरसींवा पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने आरोपी के उपर मामूली धारा लगाकर स्थानीय तहसील में पेश किया, जहां उसे तत्काल जमानत पर रिहा कर दिया। जिससे पीड़ित हेमंत कुमार कश्यप के परिवार ने इसे अन्याय करार देते हुए कलेक्टर, तहसीलदार, विधायक सहित स्थानीय मीडिया को लिखित में न्याय की गुहार लगाई है। फरियादी ने कहा है कि अगर सरकार न्याय नहीं दे सकती तो उनके परिवार को तत्काल इच्छा मृत्यु दे दी जाये।
थाना के समक्ष बैठेगा पूरा परिवार
इस घटना पर पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस सहित प्रशासन की क्षुब्ध रवैये व स्थानीय राजनीति के तहत आरोपी को खुला संरक्षण देकर भारतीय कानून की मख़ौल उड़ाया जा रहा है। पीड़ित परिवार ने इसे अन्याय मान कर सोमवार से पूरा परिवार थाना धरसींवा के समक्ष धरने पर बैठ कर न्याय की गुहार लगाने की बात कही है। पीड़ित परिवार का कहना है कि- जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक धरने पर बैठने का निर्णय लिया गया है और अगर न्याय नहीं दे सकते कानून तो हमें इच्छामृत्यु प्रदान करें।
जानकारी के मुताबिक थाना प्रभारी इन दिनों कोरोना वायरस के चलते होम क्वारेंटाइन में है, जिसके चलते इस घटना की जांच प्रधान आरक्षक शंकर लाल साहू कर रहे हैं। वहीं परिवार या मीडिया इस केस के सिलसिले में अगर कोई जानकारी मांगते है तो थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक एक दूसरे के ऊपर ठीकरा फोड़ते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं।
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