Farewell: 39 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर हुए शिक्षक, विदाई समारोह में शामिल हुआ पूरा गांव

Farewell: 39 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर हुए शिक्षक, विदाई समारोह में शामिल हुआ पूरा गांव
X
39 वर्षों की सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षक की विदाई समारोह में पूरा गांव शामिल हुआ। हर किसी की आंखें नम थीं। ऐसी विदाई देखकर शिक्षक भी भावुक हो गए। पढ़िए विद्यार्थियों ने क्या कहा...

हेमंत वर्मा-धरसींवा। रायपुर जिले के धरसींवा ब्लाक के ग्राम पवनी में मंगलवार 08 जुलाई को माध्यमिक शाला के शिक्षक मनहरण लाल सोनमिरी स्कूल में 39 वर्ष की सेवा देने के बाद जब शिक्षक का रिटायरमेंट समारोह हुआ तो विदाई देने के लिए पूरा गांव पहुंच गया। हर किसी की आंखें नम थीं। ऐसी विदाई देखकर शिक्षक भी भावुक हो गए। ये शिक्षक गांव के स्कूल की पहचान बन चुके थे। इस स्कूल को लोग शिक्षक के पढ़ाने की शैली के कारण से ही जानते थे। विदाई समारोह का आयोजन शाला प्रबंधन, ग्राम पंचायत सरपंच प्रभा साहू और ग्रामवासियों ने किया था। इसमें धरसींवा विधायक अनीता योगेन्द्र शर्मा और जिला पंचायत अध्यक्ष डोनेश्वरी वर्मा भी शामिल हुई। साथ ही शिक्षा विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।

दरअसल, धरसींवा विकासखंड के पवनी गांव के माध्यमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक मनहरण लाल सोनमिरी जी एक ही स्कूल में 39 साल तक रहे। कभी उनका तबादला नहीं हुआ। शिक्षक रहते हुए उन्होंने 39 साल का कार्यकाल निर्विवाद पूरा किया। मंगलवार को जब उनकी विदाई हुई तो उन्हें विदाई देने के लिए पूरा गांव मौजूद था। लोगों का कहना था कि, ये अपने आप में रिकॉर्ड है कि, किसी टीचर ने इस गांव में 39 वर्ष अपनी ड्यूटी की और बिना किसी ट्रांसफर के स्कूल से रिटायर हो रहे हैं।

1984 को हुई थी ज्वाइनिंग

शिक्षक मनहरण लाल सोनमिरी आज से 39 साल पहले 1984 में गांव के माध्यमिक स्कूल में ज्वाइन हुए थे। उस समय बच्चे स्कूल नहीं आते थे तब वो घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ाते थे। धीरे-धीरे उनका व्यवहार देखकर परिजनों ने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू किया। स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ती गई। अपने पढ़ाने के अलग तरीके और सरल व्यवहार के कारण वह सभी बच्चों के लिए पसंदीदा शिक्षक बन गए।

Also read: World Tribal Day : आदिवासी नर्तकों के साथ मांदर की धुन पर थिरके विधायक लालजीत सिंह राठिया

समय के पाबंद

उनको विदाई देने के लिए पहुंचे उनके पूर्व छात्र और सरपंच प्रतिनिधि महेश साहू ने बताया कि, हमारे सर, सोनमिरी जी समय के बहुत पाबंद रहे हैं। चाहे बारिश के समय हो या सर्दी का स्कूल के समय सबसे पहले वही स्कूल पहुंचते थे। कोई बच्चा स्कूल नहीं आता तो उसे घर जाकर स्कूल लेकर आते थे। उनकी इस कर्तव्य निष्ठा का परिणाम था कि, उनके पढ़ाए हुए कई बच्चे आज राजनीति, सामाजिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। विदाई देने कई स्कूलों के टीचर भी पहुंचे। सोनमिरी की विदाई की जानकारी लगते ही सिर्फ गांव के लोग ही नहीं बल्कि शिक्षा विभाग अंतर्गत आने वाले दर्जन भर स्कूलों के शिक्षक भी पहुंचे। गांव के लोगों ने शिक्षक का सम्मान किया। वहीं विभाग ने भी रिटायरमेंट पर शिक्षक का सम्मान किया।

शिक्षक कभी रिटायर नहीं होते-सोनमिरी

सेवानिवृत्त विदाई समारोह के दौरान शिक्षक मनहरण लाल सोनमिरी खुद के कार्यकाल को याद कर भावुक हो गए। सोनमिरी ने वर्ष 1984 में सहायक शिक्षक के पद पर अपने कार्यकाल का आगाज किया था। सोनमिरी ने बच्चों और पलकों संबोधित करते हुए कहा कि, शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता। वह समाज को भी जागृत करने का काम करता है।

लोकप्रिय शिक्षक रहे हैं सोनमिरी

कार्यकाल के दौरान सोनमिरी अपने व्यवहार और कुशल प्रबंधन के चलते शिक्षकों और छात्रों में लोकप्रिय रहे हैं। शिक्षा के विकास के क्षेत्र में उनका योगदान स्मरणीय रहा। सोनमिरी ने अपने विदाई समारोह में जब अपने कार्यकाल का खट्टा-मीठा अनुभव साझा किया तो सबकी आंखें नम हो गई। इस शाला में लगभग 39 वर्षों के उनके लंबे सेवाकाल को सबने शिद्दत से याद किया। वक्ताओं ने कहा कि, एक योग्य शिक्षक और अभिभावक के रूप में सोनमिरी ने अपनी पहचान बनाई और हिंदी के लोक वरीय प्रवक्ता रहे।

Also read: Rakhi training and craft exhibition organized: घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय पहुंचीं गीता राजपूत, छात्राओं को सिखाया राखी बनाना

‘धूल थे हम सभी, आसमां बन गए, जिनकी शिक्षा से हम क्या से क्या बन गए‘

अपने शिक्षक के सम्मान में धरसींवा विधायक अनीता शर्मा ने कहा कि ‘धूल थे हम सभी, आसमां बन गए, जिनकी शिक्षा से हम क्या से क्या बन गए।‘ अनीता कहती हैं कि, मनहरण लाल सोनमिरी जी हम सभी बच्चों के प्रिय शिक्षक रहे। आज हम सभी उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।

Tags

Next Story