आंदोलन वापस नहीं लेंगे नवा रायपुर के किसान : कहा-कांग्रेस पार्टी का नजरिया किसानों पर बदला

रायपुर। नवा रायपुर के किसान अभी भी अंदोलन पर डटे हुए हैं। राहुल गांधी से मिलने के लिए किसान हवाई अड्डे के पास तक पहुंच लेकिन नहीं मिल पाए। इसी दौरान कई किसानों पर डंडे भी बरसाए गए। कुछ लोगों के घायल होने की खबर है। राहुल गांधी के जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल को हवाई अड्डे के लाउंज में ही बुलाकर बात-चीत की है। उन्होंने किसानों की समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया है।
दरअसल, किसान गुरुवार को साइंस कॉलेज की सभा में आकर विरोध करने की तैयारी में थे। पुलिस ने रात में ही नवा रायपुर के गांवों में घेराबंदी शुरू की तो किसानों ने अपनी रणनीति बदली। सभी ने एक साथ हवाई अड्डे के पास राहुल गांधी का काफिला घेरने की योजना बनाई। कई हजार लोग सड़क पर उतर गए। जब राहुल गांधी साइंस कॉलेज में प्रदर्शनी देख रहे थे, हजारों महिलाएं और पुरुष किसान पैदल ही हवाई अड्डे की ओर मार्च कर रहे थे।
सीएम ने सकारात्मक पहल का भरोसा दिलाया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को एयरपोर्ट बुलाया। आंदोलनकारियों की ओर से रूपन चंद्राकर, कामता रात्रे, ललित यादव, गिरधर पटेल, अनिल दुबे, सुशील गिधोरे, लक्ष्मीनारायण चंद्राकर आदि बातचीत के लिए गए। मुख्यमंत्री ने किसानों से पूछा कि उन्होंने मंत्रियों को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करा दिए हैं या नहीं। किसानों ने कहा, मंत्रियों को दिया ही है आपको भी सीएम हाउस में दस्तावेज देकर आए थे। मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी मांगों पर सरकार पूरी सकारात्मकता के साथ विचार करेगी।
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने आरोप लगाया कि सरकार का रुख किसानों के प्रति बदल गया है। उन्होंने कहा, जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विपक्ष में थी तो ये लोग राहुल गांधी उनके आंदोलन में लाने को तैयार थे। अब इनकी सरकार है तो राहुल गांधी से हमारी मुलाकात को टालने की कोशिश की गई। चंद्राकर ने कहा, कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में अधिग्रहण पर चार गुना मुआवजा का वादा किया था। हम वही मांग रहे हैं।
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