किसानों की कलेक्टर से गुहार : राइस मिलर्स ने करोड़ों रुपए रोके, परेशान किसान ने की आत्महत्या, ज्ञापन देने पहुंचे किसान किए गए गिरफ्तार

किसानों की कलेक्टर से गुहार : राइस मिलर्स ने करोड़ों रुपए रोके, परेशान किसान ने की आत्महत्या, ज्ञापन देने पहुंचे किसान किए गए गिरफ्तार
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पुराना भुगतान नहीं होने की वजह से किसान के घर आई आर्थिक दिक्कतों की वजह से एक किसान ने कीटनाशक पीकर जान दे दी। परेशान किसानों ने जब कलेक्टर को ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे तो क्या हुआ .. पढ़िए पूरी खबर...

महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में अलग-अलग राइस मिलरों ने किसानों से धान तो खरीद लिया, लेकिन कई सालों से उसकी कीमत का भुगतान नहीं किया। परेशान किसान, कलेक्टर को ज्ञापन देने आये थे। जब कलेक्टर से मुलाकात नहीं हुई तो किसान कलेक्ट्रेट परिसर में ही सो गए। है। जिसके बाद पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार कर मंडी भेज दिया।

मिली जानकारी के अनुसार, महासमुंद कृषि उपज मंडी परिसर सभा में किसान इकट्‌ठा हुए। वहां उन्होंने कन्हारपुरी गांव के किसान कांतिलाल साहू को श्रद्धांजलि दी। किसानों ने बताया है कि, 65 साल साहू ने पुराना भुगतान नहीं होने की वजह से उसके घर आई आर्थिक दिक्कतों की वजह से उसने कीटनाशक पीकर जान दे दी। वहां सभा के बाद तय हुआ कि कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर राज्यपाल, राज्य सरकार और कृषि विभाग के अफसरों तक अपनी मांग पहुंचाई जाए। जब किसान कलेक्टर पहुंचे तो वहां और एसपी से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। जिससे किसानों ने कलेक्टर परिसर में ही धरना दे दिया।


किसानों के मोबाइल भी जब्त

किसानों ने वहीं भोजन कर दरी मंगाकर खुले में ही सो गए। 12 बजे किसानों को देख रात को पुलिस वहां पहुंच गई। जिसके बाद पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, किसान नेता तेजराम विद्रोही, पवन चन्द्राकर, तिलकराम साहू, मोतीलाल भोई, अजय साहू, टिकेश्वर प्रधान, मनोरंजन बरिहा, मदन प्रधान, हेमसागर प्रधान को गिरफ्तार कर लिया। करीब एक घंटे बाद सभी को मंडी परिसर में ले जाकर छोड़ा गया। किसानों के मोबाइल भी जब्त कर लिए गए थे। यह मोबाइल उन्हें रात 2:40 को मिला। किसानों को अब भी मंडी परिसर में रखा गया है। प्रशासन से कोई अधिकारी बातचीत के लिए नहीं पहुंचा है।

आत्महत्या कर चुके किसान पर तीन लाख 66 हजार 826 रुपए का कर्ज था

किसान मजदूर महासंघ के नेता तेजराम विद्रोही का कहना है कि, कन्हारपुरी में रहने वाल कांतिलाल साहू का स्थानीय राइस मिलर बजरंग अग्रवाल पर तीन लाख 66 हजार 826 रुपए बकाया है। यह रकम नहीं मिलने से परेशान कांतिलाल आत्महत्या कर चुके हैं। महासमुंद के ही महामाया एग्रोटेक एवं सांई कृपा राईस मिल के संचालक तेजप्रकाश चन्द्राकर व साझेदार रत्ना चन्द्राकर पर 57 किसानों का एक करोड़ 61 लाख 75 हजार 282 रुपए का बकाया है। बागबाहरा के राकेश चौहान ने 19 किसानों का 61 लाख 88 हजार 650 रुपया नहीं दिया है। देवसराल गांव के जसवंत साव, रोहित साव, साधुराम साव ने 77 किसानों का एक करोड़ रुपया नहीं दिया है। कोसरंगी के गुरु तेगबहादुर राइस मिल के संचालक सन्नी लुनिया ने नारतोरा के पुरुषोत्तम साहू को ब्याज नहीं दिया है।

15 दिनों के अंदर भी भुगतान नहीं मिला

किसान नेताओं का कहना है, कृषि उपज मंडी समिति महासमुन्द में व्यापारियों ने मंडी समिति से मिलीभगत कर धान की खरीदी कर ली। कायदे से सौदे के 15 दिनों के भीतर भुगतान मिल जाना चाहिए था, लेकिन कई राइस मिलरों ने ऐसा नहीं किया। किसानों को बार-बार घुमाया जाता रहा। इन मामलों की जानकारी मंडी और जिला प्रशासन तक भी पहुंचाई गई। लेकिन किसानों का भुगतान दिलाने के लिए कुछ नहीं किया गया। किसानों ने बताया है कि, मंडी के सरकारी दस्तावेज सौदा पत्रक, भुगतान पत्रक पर हस्ताक्षर करने वाले तत्कालीन मंडी सचिव, भुगतान नहीं करने वाले व्यापारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाए। व्यापारियों की संपत्ति को नीलाम कराकर मंडी नीधि से जल्द ही किसानों का बकाया भुगतान कराया जाए।

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