छत्तीसगढ़ में सक्रिय होगी किसान यूनियन : टिकैत ने किया प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन, बोले-किसानों की समस्याएं हल करना ही उद्देश्य

छत्तीसगढ़ में सक्रिय होगी किसान यूनियन : टिकैत ने किया प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन, बोले-किसानों की समस्याएं हल करना ही उद्देश्य
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भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश कार्यालय का शुभारंभ यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किया। श्री टिकैत, छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य में वनों की कटाई के विरोध में जारी ग्रामीणों के आंदोलन में शामिल होने पहुंचे हैं। पढ़िए पूरी खबर...।

रायपुर। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश कार्यालय का शुभारंभ यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किया। श्री टिकैत, छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य में वनों की कटाई के विरोध में जारी ग्रामीणों के आंदोलन में शामिल होने पहुंचे हैं।

सभा के बाद BKU के 2023 के चुनाव में किसी भूमिका में नजर आने के सवाल पर टिकैत ने कहा, यूनियन का चुनाव में कोई लेना देना नहीं। यूनियन किसानों के हित और अपने कामों में लगी हुई है। किसानों की समस्या दूर हो यहीं BKU का उद्देश्य है।

हसदेव अरण्य को राकेश टिकैत ने कहा- हसदेव अरण्य में वनों की कटाई के लिए NGT और कोर्ट जिम्मेदार है। 10 साल पुराने ट्रैक्टर दिल्ली और उसके आसपास नहीं चल सकते हैं, वहां पर एनजीटी अपना पूरा काम कर रही है। नेचुरल जंगलों को काटा जा रहा है, उस पर एनजीटी मौन है। उन्होंने कहा कि, पैसा ही सब कुछ है तो दिल्ली के आस पास माइनिंग शुरू कर देना चाहिए।

यहां के किसान लड़ नहीं सकते, इसलिए निकाला जा रहा कोयला

छत्तीसगढ़ में लोग लड़ नहीं सकते, आंदोलन नहीं कर सकते, इसलिए कोयला निकाला जा रहा है। नवा रायपुर में किसानों के आंदोलन पर उन्होंने कहा, हमने बार-बार सरकार से कहा है कि बातचीत करके समाधान निकालो।

जल्द समस्या का समाधान करें सरकार

नया रायपुर के किसानों ने दो सरकारें देखी है, सरकार को अब जल्द समस्या का समाधान करना चाहिए। किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार की धान खरीदी पॉलिसी की तारीफ की और कहा छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की पॉलिसी ठीक है। किसानों को बोनस मिलता हैं, ऐसा पूरे देश में कहीं नहीं है। सरकार को प्रति एकड़ क्वांटिटी बढ़ानी चाहिए।

किसानों को भूमि का उचित मुआवजा मिले : राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा, किसानों से जो जमीन ली जा रही है उसका उचित मुआवजा दिया जाए। किसानों की जमीन देश में नया भूमि अधिग्रहण एक्ट है, उसके तहत जमीन ली जाए। उन्होंने कहा- छत्तीसगढ़ में आंदोलन जरूरत के हिसाब से होंगे, प्लानिंग के हिसाब से नहीं।

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