किसानों को चार किस्तों में मिलेगा न्याय, अनुकंपा में दस फीसदी का बंधन खत्म

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में इस योजना के तहत धान, गन्ना, मक्का के साथ 13 अन्य फसलों के उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन राशि अदा करने का निर्णय लिया गया। योजना में खरीफ-2021 की समस्त फसलों को जैसे धान, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, कपास, सनई, जूट के साथ-साथ कृषि वानिकी तथा गन्ना को शामिल करने का निर्णय लिया गया। इस योजना में सभी श्रेणी के भूमि स्वामी कृषक एवं वन पट्टाधारी किसान पात्र होंगे।
अब सीएम के नाम से वृक्षारोपण योजना
छत्तीसगढ़ राज्य में वृक्षारोपण प्रोत्साहित करने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत निजी क्षेत्र, कृषकों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर इमारती, गैर इमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए 100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। योजना में खरीफ वर्ष 2020-21 में धान की फसल लेने वाले किसान
यदि इसके बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करेंगे तो उन्हें 3 वर्ष तक प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए प्रति एकड़ के मान से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा यदि राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है तो समिति को एक वर्ष बाद प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वृक्षों को काटने और बेचने का अधिकार संबंधित समिति का होगा।
महतारी दुलारी योजना, मिलेगी छात्रवृत्ति
छत्तीसगढ़ महतारी दुलारी योजना-2021 का अनुमोदन किया गया। इस योजना में ऐसे बच्चे, जिनके परिवार से कमाने वाले माता या पिता या दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हुई हो, ऐसे बच्चे जो स्कूली शिक्षा प्राप्त करने आयु संबंधी पात्रता रखता हो अथवा जिनके घर में कमाने वाले वयस्क सदस्य न रहने के कारण भरण-पोषण की समस्या हो गई हो, उन परिवारों के बच्चों को शासकीय शालाओं में निःशुल्क स्कूली शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे बच्चों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा। कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को 500 तथा कक्षा नवमी से बारहवीं तक के बच्चों को 1000 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी दिए जाने का प्रावधान है।
इन उद्योगों को मिलेगी दस एकड़ जमीन
औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 में संशोधन का अनुमोदन किया गया, जिसके अनुसार गत 10 वर्षों अथवा उससे अधिक अवधि से उद्योग निरंतर संचालित होने के स्थान पर गत 10 वर्षों अथवा उससे अधिक अवधि से उद्योग द्वारा उत्पादन प्रारंभ किया हो एवं दो हेक्टेयर अथवा इससे कम भूमि आवंटन को 4 हेक्टेयर या 10 एकड़ भूमि आवंटित हो, का प्रावधान किया गया है। राप्रसे के संवर्ग प्रबंधन हेतु डिप्टी कलेक्टर से संयुक्त कलेक्टर के पद पर क्रमोन्नति में छूट प्रदान की गई है।
ये और अहम फैसले
कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने भूमि स्वामी कृषक को प्रथम 2 वर्ष के लिए 9000 रुपए प्रति एकड़ की दर से 4 किस्तों में मिलेगी सहायता राशि।
कोरोना काल के मद्देनजर औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन, नवीन प्रावधान किया जाएगा।
कोरोनाकाल के दौरान आईफार्म एवं एमफार्म वाहनों के लिए बगैर एडवांस टैक्स अदा किए नाॅनयूज में रखने के लिए चार माह की छूट।
नेफेड के माध्यम से समस्त टैक्स सहित 5680 रुपए प्रति क्विंटल की दर से चना खरीदा जाएगा।
सामान्य गोबर खाद बिकेगी 6 रुपए किलो
सरकार ने गोधन न्याय योजना अंतर्गत गोठानों में क्रय किए गोबर से गोबर खाद, आर्गेनिक मैन्योर का निर्माण स्व-सहायता समूह के माध्यम से कराने का निर्णय लिया है। सामान्य गोबर खाद का विक्रय 6 रुपए प्रति किलो की दर से किया जाएगा। प्रति किलो 90 पैसे संबंधित स्व-सहायता समूह को दिए जाएंगे।
किसानों को 21 मई को मिलेगी पहली किस्त
छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को 21 मई को आदान सहायता राशि की पहली किस्त जारी की जाएगी। किसानों को आदान सहायता के रूप में 9000 रुपए प्रति एकड़ राशि प्रदान की जाएगी। वर्ष 2020-21 और आगे प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।
वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने धान का विक्रय किया था यदि वे किसान वर्ष 2021-22 धान के बदले अन्य फसल लेते हैं उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रूपए तथा जो पेड़ लगाते हैं उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने और अन्य पहलुओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल की उपस्थिति में कल 19 मई को मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक होगी। इसमें वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित होंगे। तथा उप समिति की बैठक द्वारा प्रस्तावित विषयों पर आगामी 21 मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
अनुकंपा में 10 प्रतिशत का सीमा बंधन समाप्त
राज्य सरकार ने इस कैबिनेट में राज्य के भूतपूर्व शासकीय सेवकों के परिजनों के हक में एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति देने 10 प्रतिशत के सीमा बंधन को 31 मई 2022 तक के लिए शिथिल किया गया है। राज्य के कई कर्मचारी संगठनों ने इस संबंध में मांगें रखी थीं। माना जा रहा है कि कोरोना से जान गंवाने वाले शासकीय सेवकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिलेगा। लद्दाख इंडो-चाइना सीमा पर हुई झड़प में 16 जून 2020 को शहीद सिपाही गणेशराम (बिहार रेजीमेंट) की बहन गंगा कुंजाम को जिला शिक्षा अधिकारी उत्तर बस्तर कांकेर के अंतर्गत सहायक ग्रेड-3 तृतीय श्रेणी के पद पर विशेष प्रकरण मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी।
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