'बोरे-बासी' खिलाने से श्रमिकों का कल्याण नहीं, कोई बड़ी योजना शुरु करे सरकार : कौशिक

मनेंद्रगढ़। राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम और छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक एक निजी आयोजन में शामिल होने मनेंद्रगढ़ पहुंचे। आयोजन में शामिल होने के पहले रेस्ट हाउस पहुंचने पर दोनों नेताओं का भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। इस दौरान श्रमिक दिवस को बोरे बासी खाकर मनाने की सीएम की अपील पर नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह आज की परंपरा नहीं है, वर्षों से रही है। इससे श्रमिकों का कल्याण नहीं होगा। श्रमिक दिवस पर कोई बड़ी योजना की शुरुआत होनी चाहिए।
वहीं ट्रेनों के चालू होने को लेकर कहा कि ट्रेन चलनी चाहिए इसे लेकर बातचीत कर रहे हैं। यात्री भाजपा-कांग्रेस के नहीं है, सुविधा मिलनी चाहिए। कल भी केंद्र से बात हुई है, रास्ता निकाल रही है पर बिजली का संकट भी दूर करना जरूरी है। उधर बोरे बासी पर राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि अभी बोरे बासी है, आगे लकड़ा भात भी होगा। मुख्यमंत्री कभी भौरा नचाते हैं, कभी तालाब में छलांग मारते हैं। नेताम ने झीरम कांड को लेकर कहा कि न्यायिक विषय पर उंगली उठाना उचित नहीं है। सरकार कांग्रेस की है पर उन्हें निष्पक्ष जांच से मतलब नहीं है। भाजपा नेताओं के बोरे बासी को लेकर दिए बयान पर मनेंद्रगढ़ से कांग्रेस विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि रामविचार नेताम को बोरे बासी के बारे में पता नहीं होगा इसलिए इस तरह की बात कह रहे हैं। पंद्रह साल की सरकार में भाजपा ने छतीसगढ़ के श्रमिकों का सम्मान नहीं किया और अब इस तरह की बात कर रही है। देखिए वीडियो -
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