dengue: डेंगू से छत्तीसगढ़ की राजधानी में पहली मौत, सरकारी और निजी अस्पतालों में बढ़े मरीज... जाने इससे बचने के उपाय और लक्षण

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर(Raipur) में इस सीजन में डेंगू (dengue) से पहली मौत हुई है। रविवार रात देवेंद्रनगर (Devendranagar) के एक निजी अस्पताल में डेंगू पीड़ित एक युवक ने दम तोड़ दिया। वही डेंगू को लेकर अम्बेडकर अस्पताल (Ambedkar Hospital) में तक़रीबन दो दर्जन से ज्यादा लोग भर्ती हुए हैं, जिनका इलाज जारी है। शहर के कई बड़े निजी अस्पतालों में रोज डेंगू के मरीज इकट्ठे हो रहे हैं। यदि स्वास्थ्य विभाग (Health Department) द्वारा जारी बीते तीन दिनों के आकड़ो की बात की जाय तो अब तक सिर्फ तीन मरीजों में ही डेंगू की पुष्टि की गयी है। सरकारी अमला इसे डेंगू नहीं मान रहा है क्योंकि इनके ब्लड सैंपल का वायरोलॉजी लैब में एलाइजा टेस्ट नहीं हुआ है। इस बीच, अंबेडकर अस्पताल में ही एक दर्जन मरीजों के शरीर में डेंगू के वायरस की वजह से प्लेटलेट कम हो गया है।
युवक ने इलाज के पहले ही तोड़ा दम-डॉक्टर
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा (medicine specialist Dr. Yogendra Malhotra) के अनुसार अभी जो मरीज आ रहे हैं उनमें ज्यादातर प्लेटलेट कम होने वाले हैं, लेकिन गंभीर नहीं है। देवेंद्रनगर अस्पताल (Devendranagar Hospital)के संचालक डा. सुनील खेमका (Dr. Sunil Khemka) के अनुसार जिस युवक की मौत हुई, उसे गंभीर हालत में लाया गया था। इलाज शुरू होने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। अंबेडकर अस्पताल सहित ज्यादातर कई नर्सिंग होम में मरीज को इसके लक्षण दिखने के बाद एनएस-1 व आईजीएम व आईजीजी किट से डेंगू की जांच की जा रही है। इसी रिपोर्ट के आधार पर मरीजों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग केवल वायरोलॉजी लैब में होने वाले टेस्ट रिपोर्ट में ही पॉजिटिव आने वाले को मरीज मानता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है वायरोलॉजी लैब (virology labs) में एलाइजा टेस्ट (ELISA test) के बाद ही पुष्टि होती है कि मरीज डेंगू पीड़ित है या नहीं। एलाइजा टेस्ट के लिए बाकायदा गाइड लाइन बनी है। उसी के तहत ब्लड टेस्ट किया जाता है।
एसिड मच्छर के काटने के बाद होता है डेंगू
विशेषज्ञों के अनुसार डेंगू एडिस मच्छर (Aedes mosquito) के काटने से होता है, लेकिन इसकी भी शर्त है। एडिस मच्छर जब किसी डेंगू पीड़ित को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है, तभी उसे संक्रमण ( infected) होता है। आमतौर पर एडिस मच्छर दिन में और शरीर के निचले हिस्से पर ही काटता है। ये मच्छर साफ पानी में पनपता है। इसलिए घरों में साफ पानी अधिक दिनों तक कहीं भी जमा न होने दें।
डॉक्टरों ने की अस्पतालों की समीक्षा
इस बीच सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने अंबेडकर अस्पताल (Ambedkar Hospital)के डाक्टरों के साथ डेंगू के मरीजों पर समीक्षा की और अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में अब तक तीन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है(three patients have come positive in the Virology Lab)। स्वास्थ्य विभाग केवल इन्हीं केस को पॉजिटिव मान रहा है।
फिजिशियन की सलाह के बिना प्लेटलेट नहीं चढ़ाएं
छत्तीसगढ़ राज्य महामारी नियंत्रक डा. सुभाष मिश्रा (Chhattisgarh State Epidemiological Controller Dr. Subhash Mishra) का कहना है कि, जैसे ही किसी मरीज में डेंगू की पुष्टि होती है, अनावश्यक तौर पर प्लेटलेट चढ़ाने की बातें होने लगती हैं। परिजन भी दबाव बनाते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए। फिजिशियन की सलाह पर ही प्लेटलेट चढ़ाना उचित रहता है।
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