CG News : कार्तिक पूर्णिमा पर राजिम में उमड़ा सैलाब, संगम में नहाकर भक्तों ने की भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना

CG News : कार्तिक पूर्णिमा पर राजिम में उमड़ा सैलाब, संगम में नहाकर भक्तों ने की भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना
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पौराणिक किवदंती है, कि यहां पर भगवान श्रीराम के वनवास गमन के समय माता सीता ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन रेत से शिवलिंग बनाकर पूजा-अर्चना की थी, तब से यह परम्परा चली आ रही है। इस परंपरा को श्रद्धालुजन एवं भोलेनाथ के भक्त बखूबी निभाते आ रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

श्याम किशोर शर्मा-राजिम। छत्तीसगढ़ के राजिम जिले में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नदियो के संगम क्षेत्र में लगे नदिया मड़ई में जन सैलाब उमड़ा हुआ दिखाई दिया। इस बार भोलेनाथ का वार सोमवार पड़ा लिहाजा दर्शनार्थियों की अपार भीड़ श्री कुलेश्वरनाथ महादेव के मंदिर में पूजा करने सुबह से लेकर देर रात तक पहुंचती रही। दर्शन के लिए इस बार नदी के बीच से ही पैदल चलते हुए लोग आते रहे। नदी का लंबा चौड़ा भाग दर्शनार्थियों और पिकनिक मनाने वालो से भरा रहा। भीड़ को देखते हुए लक्ष्मण झूले पर ब्रेक लगाया गया था।


सैकड़ों सालों चली आ रही मड़ई परंपरा

नदी में पानी का धार भी कुलेश्वर मंदिर के आस-पास नही था इसलिए बहुत आसानी के साथ भक्तजन मंदिर पहुंच रहे थे। बताना लाजिमी है कि सैकड़ो साल से नदिया मड़ई की परंपरा राजिम में चली आ रही है। राजिम मड़ई के बाद अब इधर समूचे अंचल में मड़ई मेले की शुरूआत हो जाएगी। दर्शन करने वालो में क्षेत्र के विधायक धनेंद्र साहू के अलावा कांग्रेस,भाजपा के स्थानीय नेता,कार्यकर्ता,पत्रकार और साधु ,संतो के साथ ही महिलाएं,युवतियां बड़ी संख्या में शामिल थी। मंदिर परिसर में दर्शनार्थियो को बाकायदा लाइन में लगकर भोलेनाथ का दर्शन मिल रहा था। पूरे छत्तीसगढ़ में मेले मड़ई की शुरूआत राजिम से होती है। कार्तिक पूर्णिमा को तीन नदियों के बीच में बड़ा मेला लगता है। कई हजारो हजार लोग भोलेनाथ का दर्शन और पूजा करने राजिम पहुंचते है। इस बार भी आस-पास के कई जिलो से बड़ी संख्या में लोग राजिम पहुंचे।

तीन नदियों के संगम पर लगता है भव्य मेला

यहां त्रिवेणी संगम की तीनो धार पैरी,सोढ़ुर और महानदी में डुबकी लगाकर दीपदान कर भोलेनाथ कुलेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना की गयी। यह सिलसिला तड़के 4 बजे से लेकर देर रात तक चलता रहा। मेले के दौरान नदी के खुले रेत में लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ खूब इंजाय किए। दरअसल छत्तीसगढ़ में पूरे कार्तिक माह में अलसुबह सूर्योदय के पूर्व स्नान एवं महादेव की पूजा करने की परंपरा एक लंबे समय से चली आ रही है। इस परंपरा को आज भी आस्था और श्रद्धा के चलते लोग निभाते चले आ रहे है। खासतौर से ग्रामीण अंचल में महिलाओं और युवतियों की इसमें ज्यादातर भागीदारी होती है। पूरे माह भर स्नान और पूजा पाठ का अंतिम दिवस पूर्णिमा को ही माना जाता है। अतएव लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ पूर्णिमा स्नान के लिए राजिम पहुंचते है। राजिम नदिया मड़ई की उत्सुकता पहले से ही बनी हुई थी। सो भोलेनाथ की पूजा करने के साथ ही मड़ई में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

सुबह 4 बजे से लगा रहा भक्तों का तांता

पौराणिक किवदंती है, कि यहां पर भगवान श्रीराम के वनवास गमन के समय माता सीता ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन रेत से शिवलिंग बनाकर पूजा-अर्चना की थी, तब से यह परम्परा चली आ रही है। इस परंपरा को श्रद्धालुजन एवं भोलेनाथ के भक्त बखूबी निभाते आ रहे हैं। पूरे कार्तिक माह भर तड़के 4 बजे नदी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुजन कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही इसकी पूर्णाहुति आंवला पेड़ के नीचे आंवला भात खाकर करते हैं। पूर्णिमा के अवसर पर राजिम संगम की धार में तड़के नहाने वालों की भीड़ बनी रही। भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने तड़के सुबह से लेकर देर रात तक भक्तों का रैला लगा हुआ था। शिवभक्तों ने नदी की धार में दीपदान भी किया। कार्तिक पूर्णिमा का यह दृश्य दशकों पहले लगते चले आ रहे माघी पुन्नी मेले के ओरिजनल दृश्य की भांति नजर आ रहा था। हर कोई रेत में चलते हुए भोलेनाथ के दरबार तक पहुंच रहे थे। पैदल चलने में हर किसी को बहुत ही आनंद आ रहा था। लोग याद भी कर रहे थे कि पहले का माघी पुन्नी मेला ऐसा ही लगता था। भारी भीड़ के चलते कुलेश्वर मंदिर के नीचे सीढ़ियों से लेकर ऊपर चबूतरा तक भक्तों को कतारबद्ध होकर दर्शन करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि जब-जब कोई पर्व होता है, तब-तब भोलेनाथ के दर्शनार्थियों की भारी भीड़ कुलेश्वर महादेव के मंदिर में लगता है, लिहाजा व्यवस्था को बनाने के लिए पुलिस के जवान भी तैनात रहते हैं। इस बार भी महिला एवं पुरूष पुलिस के जवानो की डयुटी मंदिर परिसर में लगी हुई थी।

आंवले के पेड़ के नीचे आंवला भात खाया गया

पुन्नी मेले का आनंद लोगों ने कई तरह का लिया। मसलन आंवला भात खाने की परंपरा का बखूबी निर्वहन किया। लोमष ऋषि आश्रम क्षेत्र एवं नदी के बड़े भाग पर सैकड़ों टोलियां अलग-अलग जगहों अथवा पेड़ के नीचे बैठकर आंवला भात खाए। खासतौर से महिलाएं और युवतियों की टोली लोमष ऋषि आश्रम के भीतर खचाखच भरी हुई थी। जो अपने परिवार, दोस्तों के साथ पिकनिक का भरपूर मजा ले रहे थे। नदी के लम्बे-चौड़े भाग में लोगों को खूब इंजॉय करते देखा गया। यहां का दृश्य हर किसी को सुकून प्रदान करने वाला रहा । दोपहर से लेकर देर रात तक इंजॉय करने वालों की भीड़ कई हजारों की संख्या में बनी रही। नदी के बीच हर तरह की दुकानें सजी हुई थी। शाम को नगर के यादव समाज व राजीव लोचन मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में धूमधाम से मड़ई लेकर नाचते-गाते यादव बंधु कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना किये। भोलेनाथ की पूजा करने विशेष रूप से विधायक धनेंद्र साहू अपने समर्थको के साथ पहुंचे। मंदिर पहुंचकर विधि विधान से पूजा कर अपने अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के अलावा पूरे छत्तीसगढ़ की खुशहाली और सुख समृद्धि के लिए कामना किया। उनके साथ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सौरभ शर्मा,नपा के पूर्व उपाध्यक्ष जीत सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव-एल्डरमेन रामा यादव आदि थे।

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