Fraud : रविवि में एक और मूल्यांकन फर्जीवाड़ा, बच्चों से जंचवाई कॉपियां, केंद्र को नोटिस, प्रोफेसर डीबार

Fraud : रविवि में एक और मूल्यांकन फर्जीवाड़ा, बच्चों से जंचवाई कॉपियां, केंद्र को नोटिस, प्रोफेसर डीबार
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पं. रविशंकर शुक्ल विवि में एक और मूल्यांकन फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक मूल्यांकन केंद्र के प्राध्यापक ने छात्रों की उत्तरपुस्तिकाएं स्वयं ना जांचकर छोटी कक्षा के बच्चों से अथवा ऐसे व्यक्ति से जंचवाई जिसे संबंधित विषय का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था । पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। सही उत्तर को भी गलत बताकर अंक काट दिए गए। मेधावी छात्र भी थोक में फेल हुए। प्रोफेसर (professor)ने उत्तरपुस्तिकाओं को एक निगाह देखना भी जरूरी नहीं समझा और बच्चों द्वारा दिए गए अंक ही शीट में चढ़ा दिए। इसके आधार पर ही परिणाम तैयार हुए। शिकायत लेकर छात्र (students)पहुंचे तब मामला खुला। अब रविवि ने प्रोफेसर को डीबार कर दिया है तथा संबंधित कॉलेज (college)को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि मूल्यांकन केंद्र के रूप में उसकी मान्यता रद्द क्यों ना की जाए? हालांकि रविवि प्रबंधन ने प्रोफेसर के नाम का खुलासा नहीं किया है और ना ही केंद्र को लेकर ही स्थिति स्पष्ट की गई है। जिस मूल्यांकन केंद्र को नोटिस जारी हुआ है, वह राजधानी के बाहर का है तथा प्रोफेसर कला संकाय से संबद्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार्रवाई अभी प्रक्रियाधीन है।

पहले भी खिलवाड़

यह पहला मौका नहीं है, जब रविवि के मूल्यांकन पर सवाल उठा हो। कुछ वर्ष पहले व्यासनारायण दुबे मूल्यांकन फर्जीवाड़ा सामने आने पर विवि की फजीहत हुई थी। इस मामले में भी छात्रों की उत्तरपुस्तिकताएं बगैर जांचे ही अंक दे दिए गए थे। उस वक्त भी छात्र की अर्जी पर उत्तरपुस्तिका पुनः जांची गई थी और छात्र अनुत्तीर्ण से उत्तीर्ण घोषित हुए थे।

ऐसे हुआ खुलासा

रविवि की वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम इस बार विवादों में रहे हैं। बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे मुख्य संकायों सहित अन्य कक्षाओं में भी आधे अधिक छात्र फेल हो गए हैं। कुछ कक्षाओं का परिणाम 20 से 25 फीसदी ही रहा। थोक में छात्रों ने शिकायतें भी की। ऐसे ही छात्रों का एक समूह शिकायत लेकर रविवि पहुंचा। छात्रों के पिछले परिणाम अच्छे थे। ऐसे में मॉनिटरिंग करने का फैसला किया गया। छात्रों के बंडल मंगाए गए। एक बंडल में सामान्यतः 60 से 70 उत्तरपुस्तिकाएं होती हैं। छात्रों की उत्तरपुस्तिकाएं प्रथम दृष्टया देखने से ही फेल होने योग्य नहीं लग रही थी। विषय विशेषज्ञों से कॉपियां फिर से जंचवाई गई। इसके बाद छात्रों के परिणाम बदल गए। कई छात्रों को 4, 7, 10, 15 इस तरह के अंक मिले थे। फिर से कॉपियां जांचे जाने के बाद छात्रों के अंकों में 5 से 6 गुना तक वृद्धि हुई और छात्र फेल से पास हो गए। यही नहीं फेल होने वाले कई छात्रों को डिस्टेन भी मिला।

एक प्रोफेसर डीबार

कुलपति, विवि के प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल ने बताया कि, कार्रवाई चल रही है। एक केंद्र को नोटिस दिया गया है। मूल्यांकन में लापरवाही को लेकर एक प्रोफेसर को डीबार किया गया है।

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