Fraud Case : बड़े बिजनेसमैन को टार्गेट कर करोड़ों की ठगी करने के आरोप में चार गिरफ्तार

Fraud  Case :  बड़े बिजनेसमैन को टार्गेट कर करोड़ों की ठगी करने के आरोप में चार गिरफ्तार
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जालसाजों ने वित्तीय अधिकारी को उसकी कंपनी के डायरेक्टर की अपने मोबाइल में डीपी प्रोफाइल डालकर ठगी का शिकार बनाया था। ठगी की घटना का मास्टर माइंड ठगी के आरोप में महाराष्ट्र, पुणे जेल में बंद है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। तेलीबांधा थाना क्षेत्र (Telibandha police station area)में एक माह पूर्व एक ठेका समूह के चीफ वित्तीय अधिकारी (Chief Financial Officer) के साथ साढ़े 55 लाख रुपए ठगी करने के आरोप में पुलिस (police )ने उत्तरप्रदेश से चार जालसाजों को गिरफ्तार किया है। जालसाजों ने वित्तीय अधिकारी को उसकी कंपनी के डायरेक्टर की अपने मोबाइल में डीपी प्रोफाइल डालकर ठगी का शिकार बनाया था। ठगी की घटना का मास्टर माइंड ठगी के आरोप में महाराष्ट्र, पुणे जेल में बंद है।

पुलिस के मुताबिक, डीवी प्रोजेक्ट लिमिटेड में चीफ फाइनेंस ऑफिसर के पद पर पदस्थ सतीश कुमार सावरगी से ठगी करने के आरोप में पुलिस ने बिहार छपरा निवासी प्रवीण ठाकुर, बिहार, सिवान आदित्य कुमार शर्मा, उत्तरप्रदेश, कोसांबी निवासी सलाउद्दीन शेख, उत्तरप्रदेश, देवरिया निवासी धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया है। अन्य दो आरोपी बिलाल अंसारी एवं फैयाज अंसारी पुणे जेल में बंद हैं, पुलिस उनकी बाद में गिरफ्तारी करने की बात कह रही है। पुलिस ने ठगों के अकाउंट से साढ़े चार लाख रुपए फ्रीज कराए हैं।

फेक आईडी से चार अकाउंट में रुपए ट्रांसफर

पुलिस के अनुसार प्रवीण ठाकुर ने किसी दूसरे की आईडी से अपने नाम से तथा अन्य के नाम से बिहार सहित कई अन्य शहरों में चार अलग-अलग अकाउंट खुलवाकर ठगी की रकम ट्रांसफर कराया है। पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक आदित्य तथा प्रवीण ने जिनकी आईडी से फेक अकाउंट खुलवाया था, उसे कमीशन के तौर पर 35 हजार रुपए दिए थे। साथ ही पैसे आने पर और कमीशन देने की बात कही थी।

गूगल से नंबर हासिल कर करते थे ठगी

पुलिस के अनुसार नि जालसाजों को ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, वे गूगल सर्च इंजन से ठेका कंपनी के साथ अन्य कंपनियों के बारे में जानकारी जुटाते हैं। इसके बाद उन कंपनियों के जिम्मेदारों के बारे में गूगल के माध्यम से जानकारी जुटाकर गूगल में लगी उनकी फोटो को अपने वाट्सएप डीपी में लगाकर कंपनी के अन्य जिम्मेदारों को काल कर पैसों की मांग करते हैं।

ऐसे की थी ठगी

सतीश ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके मोबाइल में एक अज्ञात नंबर से वाट्सएप में मैसेज आया । अज्ञात नंबर की डीपी में उसकी कंपनी के डायरेक्टर की फोटो लगी थी। मैसेज में डायरेक्टर के अकाउंट में 25 लाख 90 हजार रुपए ट्रांसफर करने की बात का उल्लेख किया गया था। मैसेज को इग्नोर करने के बाद ऑफिस के लैंड लाइन में कॉल कर सतीश को वाट्सएप मैसेज सतीश को वाट्सएप मैसेज में पैसे देने के लिए कहा गया है, उनसे बात नहीं हो पा रही है। सतीश को तत्काल रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। फोन कॉल के दबाव में आकर सतीश ने पैसे ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद पुनः मैसेज भेजकर और पैसे ट्रांसफर कराकर ठगी का शिकार बनाया।

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